Sagar- अस्पताल में पेट की सर्जरी कर डॉक्टर गए बाहर, स्टाफ ने नहीं दिया ध्यान, तबीयत बिगड़ी, और फिर
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. आरएस वर्मा के निजी अस्पताल शिवसागर में शुक्रवार की रात एक मरीज की इलाज के दौरान जान चली गई। मरीज के परिजन डॉ. वर्मा सहित अस्पताल स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगा रहे हैं। परिजन का आरोप है कि डॉ. सर्जरी कर शहर से बाहर चले गए और नौसीखिए को छोड़ गए। इनके लापरवाही बरतने से मरीज को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, वहीं डॉ. वर्मा का कहना है कि मरीज को कैंसर था। सर्जरी के बाद हो सकता है कि फेफड़ों में खून जमने के कारण मौत हो गई हो। पुरव्याऊ वार्ड निवासी बलराम चौरसिया ने बताया कि 35 वर्षीय भतीजे राजेश चौरसिया को पेट में चोट लग गई थी। इस कारण उसे अक्सर पेट में दर्द बना रहता था। 10 दिन पहले 13-14 जनवरी को डॉ. आरएस वर्मा से चैकअप कराया था। उन्होंने सोनोग्राफी जांच कराई और दवा दी थी। लेकिन आराम नहीं लगा। 17 जनवरी को दोबारा डॉ. वर्मा को दिखाया। डॉ. वर्मा ने कहा कि मरीज की आंत सिकुड़ गई है। ऑपरेशन करना पड़ेगा। परिजन ऑपरेशन कराने तैयार हो गए। 18 जनवरी को डॉ. आरएस वर्मा, डॉ. अभिषेक वर्मा सहित अन्य स्टाफ ने राजेश के पेट का ऑपरेशन किया,
पहले ऑपरेशन के बाद 19 जनवरी को डॉ. वर्मा मरीज को अधीनस्थ अमले के सुपुर्द कर शहर से बाहर चले गए। दोपहर में राजेश के पेट में फिर से दर्द होने लगा। करीब तीन दिन निगरानी में रखने के बाद डॉ. वर्मा ने कहा कि पेट में पस बन गई है। ऑपरेशन फेल हो गया है। इसलिए मरीज को घबराहट और दर्द हो रहा है। 23 जनवरी को राजेश का दोबारा ऑपरेशन किया गया। लेकिन उसे दर्द से राहत नहीं मिली। 24 जनवरी को डॉ. वर्मा फिर अधीनस्थ स्टाफ के जिम्मे मरीजों को सौंप शहर से बाहर चले गए। दोपहर में फिर राजेश की तबीयत बिगड़ी। लेकिन स्टाफ ने उसकी देखभाल नहीं की। जिससे शाम को उसने दम तोड़ दिया