सागर-बीना शहर में वर्षों पुराने वृक्षों को बिना अनुमति के काटा, पर्यावरण की सुरक्षा को खतरा
सागर जिले के बीना शहर में वर्षों पुराने हरे भरे वृक्षों को बिना अनुमति के काट दिया गया है। यह घटना शहर के नए बस स्टेंड के सामने सड़क किनारे हुई है, जहां लगभग आधा दर्जन विशालकाय वृक्षों को मशीन से काट दिया गया है। इस घटना को लेकर प्रशासनिक अधिकारी अनजान बने हुए हैं, जबकि ठेकेदार के पास किसी भी प्रकार के आधिकारिक दस्तावेज नहीं थे। यह घटना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि शासकीय कार्य में बाधा बन रहे वृक्षों को काटने की अनुमति एक वृक्ष के बदले 10 वृक्ष बनकर देने के लिखित इकरार के बाद ही दी जा सकती है। इस घटना से मिलीभगत की बू आ रही है, क्योंकि प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में मौन हैं और जवाबतलब करने की जहमत भी नहीं उठा रहे हैं। यह घटना पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
दरअसल लगभग आधा दर्जन वर्षों पुराने विशालकाय वृक्षों को काटते समय सभी प्रशासनिक अधिकारी देखते निकलते रहे। जानकारी अनुसार कुटी मंदिर बस स्टेंड के सामने रेलवे के ओवर ब्रिज का निर्माण चल रहा है। दूसरी तरफ एक आलीशान कालोनी काटी जा रही है।उसी तरफ 1100के व्ही की लाइन के खम्मे के लिए सड़क किनारे खड़े सरकारी हरे भरे वृक्षों की बलि चढ़ा दी गई।जबकि ठेकेदार के पास किसी भी प्रकार के आधिकारिक दस्तावेज नहीं थे। बिना एसडीएम और वन विभाग की अनुमति लिए काट दिया गया है।इसमें गौर करने वाली बात तो ये है कि इसी रस्ते से सारे प्रशासनिक अधिकारी लगातार निकलते रहते हैं
मगर किसी अधिकारी ने कटते शासकीय वृक्षों को देख यह पता करने की कोशिश नहीं है कि इन वृक्षों की कटाई वैद्य तरीके से हो रही हैं या नहीं।इससे मिलीभगत की बू आ रही है। एक के बदले दस पौधों को वृक्ष बनाकर देने पर अनुमति मिलती हैं - सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार शासकीय कार्य में बाधा बन रहे वृक्षों को काटने की अनुमति एक वृक्ष के बदले 10वृक्ष बनकर देने के लिखित इकरार के बाद ही वषों पुराने विशालकाय वृक्षों को काटने की अनुमति पर्यावरण विभाग और वन विभाग द्वारा दिए जाने का प्रावधान है।मगर बीना के बस स्टेंड के सामने सड़क किनारे खड़े वृक्षों को सभी नियम कानून को ताक पर रख कर चंद मिनटों में काट दिया गया है।