Sagar- रंग पंचमी पर छोटा करीला में लगेगा मेला, नचनारियाँ झंडा चढ़ाकर करेंगी शुरुआत
सागर के छोटा करीला धाम में हर साल की तरह इस साल भी रंग पंचमी पर भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें परंपरागत लोक नृत्य बधाई भी होगा, यहां पर माता सीता अपने पुत्र लव कुश और ऋषि बाल्मिक के साथ विराजमान है. मान्यता है कि, जो भी सच्चे मन से मंदिर में आकर माता के दर्शन करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं मन्नत पूरी होने के बाद बधाव करवाने की परंपरा है
दरअसल सागर शहर के राजीव नगर वार्ड के बीएस जैन बगीचा के सामने स्थित मंदिर परिसर में रंग पंचमी पर लगने वाले करीला धाम के मेले में हजारों लोग शामिल होते हैं 7 साल पहले शुरू हुआ आयोजन हर साल भव्य रूप लेता जा रहा है,
मेला समिति के राजेश पटेल बताते हैं कि यहां पर 70 साल पुराना राम दरबार मंदिर है, 7 साल पहले माता की ही प्रेरणा से यहां पर छोटा करीला धाम की स्थापना की गई है, तब से माता किसी को भी खाली हाथ नहीं जाने देती हैं, मेले के साथ यहां बुंदेली लोक नृत्य बधाई का आयोजन किया जाता है, जिसमें नृत्यांगनाएं बधाई करने के लिए आती हैं, मेले की शुरुआत इन्हीं नृत्यांगनाओं के द्वारा मंदिर में झंडा चढ़ाने के बाद की जाती है,
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार श्रीराम ने अपनी पत्नि सीता का त्याग कर दिया था, तब माता वन में जाकर बाल्मीकि आश्रम में रहने लगी, वहाँ आश्रम में सीता माता ने दो पुत्रों को श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन जन्म दिया, अतः आश्रम में जन्म होने के कारण भगवान के दोनों पुत्रों को किसी ने बधाओ (गन्ता) नहीं भेजा, तब इन्द्र भगवान ने स्वर्गलोक से होली की रंग पंचमी के दिन इन्द्र अपनी अप्सराओं के साथ आश्रम में बधाओ लेकर आये थे तब उन्होंने नृत्य कर बधाई दी थी तब से यह परंपरा शुरू हुई,