Sagar- OMG! धरना, प्रदर्शन चक्काजाम और शहर बंद से नहीं बात, फिर किया अनोखा प्रदर्शन शहर में चारों तरफ चर्चा
आज थम गया सागर, रुक गया सागर, सागर बंद और न्याय की लड़ाई में मिला जनता ने दिया साथ, प्रशासन के खिलाफ दिखाई ताकत, सागर की आम जनता ने सागर के व्यापारियों ने सागर के बुद्धिजीवी नेताओं ने सागर की शैक्षणिक संस्थाओं ने सागर के छोटे-छोटे दुकानदारों ने आज यह सिद्ध कर दिया, सागर पत्रकारों का नुमाइंदा है सागर पत्रकारों के हितों के लिए लड़ सकता है और सागर पत्रकारों के सम्मान की रक्षा के लिए बंद भी हो सकता है।
पत्रकारों का यह आंदोलन सिर्फ धरना-प्रदर्शन बंद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने अनोखे तरीकों से विरोध जताया. प्रशासन को मृत घोषित कर उसके लिए दो मिनट का मौन रखा, तेरहवीं के लिए कचहरी परिसर में सभी ने मृत्यु भोज किया,
दरअसल सागर में जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ मंगलवार को सागर बंद का आह्वान किया गया था, जिसमें शहर के कई संगठन शामिल हुए। वे खनिज अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने, गोपालगंज थाना प्रभारी को हटाने समेत चार सूत्री मांगों को लेकर विरोध कर रहे थे। सुबह से सागर का मुख्य बाजार बंद रहा। दोपहर तक इसका व्यापक असर दिखाई दिया, संगठन के सदस्य समेत पत्रकार सड़कों पर निकले। उन्होंने व्यापारियों से समर्थन में दुकानें बंद करने की अपील की। जिसके बाद लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं।
दरअसल, 5 मार्च को खबर के संबंध में शहर के एक पत्रकार जिला खनिज अधिकारी के कार्यालय पहुंचे थे। जहां उनसे बातचीत की। इसी दौरान खनिज अधिकारी ने पत्रकार का मोबाइल छीनकर अभद्रता की थी। मामले में खनिज अधिकारी ने गोपालगंज थाने में दो पत्रकारों के खिलाफ शासकीय कार्य में बांधा का प्रकरण दर्ज कराया था।
इसके बाद पत्रकार थाने शिकायत करने पहुंचे तो सुनवाई नहीं हुई। तभी से मामले का विरोध चल रहा है
इसके बाद पत्रकार थाने शिकायत करने पहुंचे तो सुनवाई नहीं हुई, तभी से मामले का विरोध चल रहा है। चक्काजाम, ज्ञापन के बाद मंगलवार को सागर बंद का आह्वान किया गया था