Sagar बेटी को निमोनिया का इलाज कराने लाए थे मां बाप, डॉक्टरों की लापरवाही ने...
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में इलाज के दौरान डेढ़ साल की बच्ची की जान चली गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पिता का दावा है कि बच्ची के पास ब्लोअर हीटर चालू था, जिससे उसका पैर झुलस गया और उसकी जान चली गई। घटना के बाद परिजनों ने विरोध जताया, जिसके चलते पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझाइश देकर शांत कराया। पुलिस ने बच्ची के शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराया।
मृतका बच्ची के पिता अरुण अहिरवार निवासी सानौधा ने बताया कि उन्होंने 19 मार्च को अपनी डेढ़ साल की बेटी को निमोनिया की शिकायत पर बीएमसी में भर्ती कराया था। बच्ची का इलाज एसएनसीयू वार्ड में चल रहा था। रविवार सुबह पिता जब बेटी से मिलने पहुंचे तो सब कुछ सामान्य था। परिजनों के अनुसार, वार्ड में मौजूद स्टाफ ने बच्ची के पास ब्लोअर लगा दिया था, जिसकी जानकारी परिजनों को नहीं दी गई। हीटर की गर्मी से बच्ची का पैर झुलस गया, जिससे उसकी जान चली गई।
बच्ची की जान के बाद परिजनों ने जब लापरवाही का विरोध किया, तो अस्पताल के गार्डों ने उनके साथ अभद्रता की। इस पर परिजनों ने आक्रोश जताया और हंगामा किया। मामला सामने आते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बच्ची का पोस्टमार्टम डॉक्टर की पैनल से कराया है। बीएमसी के अधीक्षक डॉ. राजेश जैन ने बताया कि मामले में बच्ची का पीएम कराया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होगा। साथ ही मामले में विभागीय जांच कराई जाएगी। जांच में साक्ष्यों के आधार पर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन पीएस ठाकुर से संपर्क किया गया, लेकिन उनका मोबाइल बंद जा रहा था