सागर- पटेल वार्ड में बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी, नागरिकों ने सीएमओ के खिलाफ किया प्रदर्शन
सागर जिले के देवरी नगरपालिका के पटेल वार्ड में मूलभूत सुविधाओं की कमी और सीएमओ द्वारा जातिगत भेदभाव के आरोपों को लेकर वार्ड के सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार को कांग्रेस पार्षद त्रिवेंद्र जाट के नेतृत्व में नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री एवं कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारियों ने नगरपालिका प्रशासन पर जानबूझकर वार्ड के विकास कार्यों को रोकने का आरोप लगाया। नागरिकों की मुख्य शिकायतें है। पटेल वार्ड को सड़क, नाली, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है।
वार्ड में 16 नए बिजली खंभों की मंजूरी होने के बावजूद, अब तक खंभे नहीं लगाए गए। वार्ड के कई क्षेत्रों में पीने के पानी की किल्लत, गर्मी के दिनों में लोग पानी के लिए परेशान। हरसिद्धि मंदिर के सामने तिराहे पर हाई मास्क लाइट लगने के बाद भी हटवा दी गई। वार्ड में कई सड़कें आज भी कच्ची हैं, जिनका निर्माण रोक दिया गया। नगरपालिका अधिकारी जातिगत भेदभाव कर रहे हैं, जिससे दलित बाहुल्य वार्ड का विकास नहीं हो रहा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएमओ जानबूझकर पटेल वार्ड में कोई काम नहीं होने दे रहे। विरोध कर रहे नागरिकों का कहना है कि जब अन्य वार्डों में सुविधाएं दी जा रही हैं, तो पटेल वार्ड के साथ यह भेदभाव क्यों? पार्षद त्रिवेंद्र जाट ने बताया की मेरे वार्ड के विकास कार्यों को रोककर, सरकार की मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। मैंने मुख्यमंत्री, कमिश्नर और कलेक्टर को शिकायत दी है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो भोपाल जाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराऊंगा।
वार्ड के निवासी इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वार्ड निवासी सुनील पटेल का कहना है की पटेल वार्ड दलित बहुल क्षेत्र है, इसलिए यहां के विकास कार्यों को रोका जा रहा है। हम भी नगर पालिका के अंतर्गत आते हैं, फिर यह भेदभाव क्यों? वार्ड निवासी वीरेंद्र लोधी का कहना है कि हमारे वार्ड में फोरलेन बायपास रोड भी है, जहां अंधेरा रहता है। इसके लिए हाई मास्क लाइट लगाने की मांग की थी, जो बाद में हटवा दी गई।
आखिर क्यों? नायब तहसीलदार का कहना है कि पटेल वार्ड के नागरिकों द्वारा मुख्यमंत्री और कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। इसे वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया जाएगा, और समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इन गंभीर मुद्दों का समाधान करता है, या वार्डवासियों को अपने अधिकारों के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा।