3 कैदी लखपति बनकर लौटे, अंबेडकर जयंती पर 13 बंदियों को मिली रिहाई | sagar tv news |
सतना में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर प्रदेश सरकार की पहल पर प्रदेश की विभिन्न जेलों से 13 बंदियों को रिहा किया गया। यह रिहाई मानवता, सुधार और पुनर्वास की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है। रिहाई पाए बंदियों में छतरपुर के 6, सतना के 2, पन्ना के 2, और मैहर, छिंदवाड़ा तथा आगर मालवा के एक-एक बंदी शामिल हैं। सभी बंदी लंबे समय से सजा काट रहे थे और उनके अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई की अनुशंसा की गई थी। रिहाई से पहले सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु परामर्श व सहायता प्रदान की गई।
रिहा हुए बंदियों में से तीन कैदी ऐसे भी थे जो जेल से लखपति बनकर निकले। इन कैदियों ने जेल में रहते हुए मेहनत, हुनर और बचत के माध्यम से एक लाख रुपये से अधिक की राशि एकत्र की। उनकी यह उपलब्धि अन्य बंदियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। प्रदेश सरकार की इस पहल को मानवता और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें एक नई जिंदगी शुरू करने का अवसर प्रदान करना है।
रिहाई के बाद बंदियों को समाज में पुनर्वास करने में मदद करने के लिए सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें रोजगार और अन्य सहायता प्रदान की जा रही है ताकि वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर सकें। अंबेडकर जयंती पर बंदियों की रिहाई और उनके पुनर्वास के प्रयास एक सराहनीय कदम हैं। इससे न केवल बंदियों को एक नई जिंदगी शुरू करने का अवसर मिलेगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा