मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर की गुपचुप जांच फिर विवादों के घेरे में, जांच समिति के सदस्य का यह रवैया
मध्य प्रदेश के दमोह में मिशन अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। फर्जी डॉक्टर द्वारा की गई कथित हार्ट सर्जरी और उससे जुड़ी सात जान जाने के आरोप के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की है। लेकिन इस जांच पर अब सवाल उठने लगे हैं। देर शाम अस्पताल में हुई जांच ने पूरे मामले को और संदेहास्पद बना दिया है। प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति के सदस्य अस्पताल पहुंचे और करीब दो घंटे तक अंदर रहे, लेकिन इस दौरान मीडिया को अस्पताल परिसर से बाहर ही रोके रखा गया। मुख्य द्वार पर ताला जड़ा गया और मीडिया की तमाम कोशिशों के बावजूद जांच प्रक्रिया के बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ।
सबसे चौंकाने वाला दृश्य तब सामने आया जब जांच समिति के सदस्य डॉ. विक्रांत चौहान से कार्रवाई की जानकारी लेने की कोशिश की गई—लेकिन उन्होंने बाइक स्टार्ट की और चुपचाप वहां से निकल गए। यह रवैया कई सवाल खड़े करता है: जांच में ऐसा क्या था जिसे मीडिया से छिपाया गया...? अस्पताल प्रबंधन की ओर से प्रबंधक पुष्पा खरे का बड़ा बयान भी सामने आया है। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल की 7 करोड़ से अधिक मूल्य की केथ लैब को नियमों के खिलाफ सील किया गया। आज की जांच टीम पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि लैब के कनेक्शन काट दिए गए, जिससे मशीनें पावर सप्लाय बंद होने की वजह से खराब हो सकती हैं। यह तमाम सवालात जिला प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ा करते हैं। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम के बीच क्या चल रहा है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, इस मामले पर अभी कोई भी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है।