Sagar -जगद्गुरू रामभद्राचार्य को मानद उपाधि से विभूषित करेगी सागर यूनिवर्सिटी, राष्ट्रपति से मिली हरी झंडी
डाॅ. हरीसिंह गौर यूनिवर्सिटी के 33 वें दीक्षांत समारोह में जगदगुरू रामभद्राचार्य को यूनिवर्सिटी द्वारा डी.लिट की उपाधि प्रदान की जाएगी. सागर यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रपति से इसकी अनुमति मांगी थी. राष्ट्रपति भवन से अनुमति मिलने के बाद सागर यूनिवर्सिटी दीक्षांत समारोह की तैयारियों में जुट गयी है. हालांकि अभी दीक्षांत समारोह की तिथि पर मंथन चल रहा है, जल्द ही यूनिवर्सिटी द्वारा इसकी घोषणा कर दी जाएगी,
यूनिवर्सिटी के मीडिया अधिकारी डाॅ. विवेक जायसवाल ने इसको लेकर जानकारी दी
बता दे कि जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य की पहचान एक कथाकार, प्रवचनकर्ता, शिक्षाविद और बहुभाषाविद के तौर पर है. उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है और उनका जन्म उत्तरप्रदेश के जौनपुर में हुआ था. जगद्गुरू रामभद्राचार्य रामानंद संप्रदाय के 4 जगद्गुरूओं में से एक हैं. जिन्हें 1988 में जगद्गुरू पद पर प्रतिष्ठित किया गया था.
रामभद्राचार्य की दो महीने की उम्र में ही आंखों की रोशनी चली गयी थी. इसके बावजूद उन्होंने 22 भाषाएं सीखी और करीब 80 ग्रंथों की रचना की है. उनके 80 ग्रंथों में 4 महाकाव्य है, जिनमें दो संस्कृत और दो हिंदी में है. स्वामी रामभद्राचार्य ने दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जिसके आजीवन संस्थापक कुलाधिपति है. स्वामी रामभद्राचार्य को भारत सरकार द्वारा 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.'