Sagar - भगवान परशुराम के प्राकट्योत्सव पर प्रभात फेरियों, कला हस्तियों और प्रतिभाओं का सम्मान
सागर के महाकवि पद्माकर सभागार में भगवान परशुराम प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में सनातन समागम हुआ, कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया। आयोजन राजघाट के गौड़ीय मठ परंपरा के संत त्रिदंडी स्वामी भक्तिप्रसाद ऋषिकेश गोस्वामी महाराज की उपस्थिति में हुआ। उन्होंने कहा कि जब धर्म पर आघात होता है, तब भगवान अवतार लेते हैं। भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में अधर्मियों के विनाश के लिए अवतार लिया। उन्होंने यह भी सिखाया कि जब शास्त्र से बात न बने, तब ब्राह्मण को शस्त्र उठाना चाहिए।
कार्यक्रम में युवा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पं. भरत तिवारी ने कहा कि यह समागम संस्कृति और सभ्यता को जीवित रखने का प्रयास है। परशुराम प्राकट्योत्सव का आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ब्राह्मण सभी को साथ लेकर चलता है।
पुरोहित पुजारी विद्वत संघ के अध्यक्ष पं. शिवप्रसाद तिवारी ने कहा कि भगवान किसी एक वर्ग के नहीं होते, ऐसे आयोजनों में सभी की सहभागिता जरूरी है। शिवसेना के उप राज्य प्रमुख पं. पप्पू तिवारी ने कहा कि सनातन को बचाने के लिए ऐसे आयोजन जरूरी हैं। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की अध्यक्ष दीपा तिवारी ने कहा कवियों, साहित्यकारों और कलाकारों का समागम देखकर मन प्रसन्न हुआ।