2 लाख रुपये खर्च कर खेत में खुदवाया किसान ट्यूबवेल, 2 हजार गायें प्यास बुझने के लिए | sagar tv news
एमपी के बुरहानपुर जिले के खामनी गांव के किसान अरुण बाजीराव पाटिल ने मूक प्राणियों की सेवा में एक मिसाल पेश की है। गौमाताओं को पानी की किल्लत से जूझते देख उन्होंने अपने खेत में एक ट्यूबवेल खुदवाकर गौसेवा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। अरुण पाटिल ने करीब 2 लाख रुपये खर्च कर अपने खेत में यह ट्यूबवेल खुदवाया है, जिससे हर दिन लगभग 2 हजार गायें प्यास बुझा रही हैं। गांव में स्थित सरकारी कुंड का पानी खत्म हो जाने के बाद, आसपास के गौपालक बेहद चिंतित थे। इस संकट को देखकर अरुण पाटिल ने बिना किसी सरकारी सहायता के स्वयं के खेत में कुंड और ट्यूबवेल बनवाया। अब दूर-दूर से गौपालक अपनी गौमाताओं को यहां लाकर पानी पिलाते हैं।
अरुण पाटिल का मानना है कि गौसेवा ही सच्ची सेवा है। उन्होंने कहा, “गायें बोल नहीं सकतीं, लेकिन उनके कष्ट हमें समझने चाहिए। जब सरकारी व्यवस्था विफल हो गई, तब मन में यही विचार आया कि इन मासूम जीवों के लिए कुछ करना चाहिए।” गर्मी के इस कठिन समय में जब जल संकट गहराता जा रहा है, ऐसे में अरुण पाटिल जैसे किसान समाज के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं। उनकी यह पहल न केवल गौमाताओं की प्यास बुझा रही है, बल्कि समाज में सेवा और संवेदना की भावना को भी प्रोत्साहित कर रही है।
गांव के लोग भी उनकी इस पहल की सराहना कर रहे हैं और कई अन्य किसान अब इसी मार्ग पर चलने की प्रेरणा ले रहे हैं। अरुण पाटिल की इस पहल से गौमाताओं को तो लाभ हो ही रहा है, साथ ही समाज में भी एक अच्छा संदेश जा रहा है। अरुण पाटिल की गौसेवा की पहल एक मिसाल है, जो समाज में सेवा और संवेदना की भावना को प्रोत्साहित कर रही है। उनकी इस पहल से गौमाताओं को तो लाभ हो ही रहा है, साथ ही समाज में भी एक अच्छा संदेश जा रहा है।