Sagar- कॉलेज में लाखों की स्कॉलरशिप घोटाला, शिकायत के बाद जिम्मेदारों के फूले हाथ-पैर
बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित और उत्साहित करने के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का उद्देश्य सरकारी अमला ही पूरा नहीं होने दे रहा है. खासकर काॅलेज में पढ़नी वाली छात्राओं को सरकार की तरफ से मिल रही स्कॉलरशिप उनके बैंक खातों तक नहीं पहुंच पा रही है. ताजा मामला सागर के बंडा के शासकीय महाविद्यालय में सामने आया है. जहां 2019 से लेकर 2023 तक छात्राओं की स्कॉलरशिप में 76.25 लाख का घोटाला सामने आया है. इस मामले से पर्दा तब उठा, जब कुछ छात्राओं ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज की. अब इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. शासकीय महाविद्यालय की जिन छात्राओं को ये छात्रवृत्ति मिलनी थी, उनमें से 964 छात्राओं को आज भी छात्रवृत्ति का इंतजार है.
2019 में 365 छात्राएं छात्रवृत्ति के लिए पात्र थीं, इनमें से सिर्फ 1 छात्रा विनीता पिता माखन लोधी को छात्रवृत्ति मिली. जबकि 364 छात्राओं की छात्रवृत्ति की 18.20 लाख राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. इसी तरह 2020 में 327 छात्राओं को 16.35 लाख और 2021 में 273 छात्राओं को 13.65 लाख की छात्रवृत्ति नहीं मिली. इन 3 साल में छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर कुल 76.25 लाख की हेराफेरी हुई.
लगातार 3 साल तक स्काॅलरशिप नहीं मिलने पर छात्राओं ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की. मामला रफादफा करने के चक्कर में जनभागीदारी के खाता क्रमांक 1926825664 से 2023 तक बैंक खातों में भुगतान किया है,जो पूरा नहीं हुआ. हेराफेरी की राशि कॉलेज के कम्प्यूटर ऑपरेटर रहे नीलेश खरे, उनके पिता राजाराम खरे, दादा प्रेमनारायण खरे सहित अन्य 27 लोगों के बैंक खातों में डालकर हड़प ली गई. एक-एक खाते में एक ही समय पर कई बार 5-5 हजार का भुगतान किया है. जबकि 1 छात्रा को एक साल में केवल 1 बार 5 हजार की छात्रवृत्ति दी जाती है.
उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डॉ रेखा बरेठिया का कहना है कि "इस मामले में कलेक्टर कार्यालय से पत्र आया है. पत्र मिलते ही मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है और 3 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
बंडा विधायक वीरेन्द्र सिंह लोधी का कहना है कि "जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री को अवगत करा दिया गया है."