सागर-बंडा में तेज आंधी-तूफान से कच्चे घर का छप्पर उड़ा, दो बच्चे हवा में उड़कर गिरे देखिये वीडियो
मध्यप्रदेश के सागर जिले बंडा तहसील अंतर्गत ग्राम गोरा खुर्द में मंगलवार को आई तेज बारिश और तूफानी हवाओं ने तबाही मचा दी। गांव के निवासी अमोल नागवंशी के कच्चे घर का छप्पर तेज हवा से उड़ गया और घर के अंदर मौजूद दो मासूम बच्चे भी हवा में उड़कर बाहर गिर पड़े। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि मंगलवार की दोपहर को अचानक मौसम बदला और तेज आंधी के साथ मूसलधार बारिश शुरू हो गई। इसी दौरान अमोल नागवंशी के घर की छत पर रखा टीन और झोपड़ीनुमा छप्पर तेज हवा में उड़ गया। उस समय घर के अंदर अमोल के दो छोटे बच्चे बैठे थे, जो छप्पर को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हवा की रफ्तार इतनी तेज थी कि छप्पर के साथ दोनों बच्चे भी हवा में उठकर कुछ दूरी पर आ गिरे।
गनीमत रही कि बच्चे किसी ठोस वस्तु से नहीं टकराए, वरना जानलेवा हादसा हो सकता था। दोनों बच्चों को मामूली चोटें आईं हैं और स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया है।
घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने और बच्चों को सुरक्षित निकालने में मदद की। बताया जा रहा है कि अमोल नागवंशी का घर पूरी तरह तहस-नहस हो चुका है और अब परिवार के पास रहने की जगह नहीं बची है।
सरपंच प्रतिनिधि राजदीप राजपूत ने बताया कि प्रशासन को घटना की जानकारी दे दी गई है और आपदा राहत मद से सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से यह साफ है कि गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों के कच्चे घर प्राकृतिक आपदाओं के सामने कितने असुरक्षित हैं।
घटना के वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा है और शासन से मदद की अपील की जा रही है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी मकान निर्माण की योजनाओं को तेजी से लागू करना चाहिए, ताकि ऐसी आपदाओं में लोगों की जान-माल की रक्षा हो सके।
ग्राम गोरा खुर्द में यह पहली बार नहीं है जब तेज हवा ने तबाही मचाई हो, इससे पहले भी कई कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। लेकिन इस बार बच्चों के उड़ने का दृश्य और घर के बिखरने का वीडियो लोगों को झकझोर रहा है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस गरीब परिवार को कितना और कितनी जल्दी राहत पहुंचाता है, या यह मामला भी बाकी हादसों की तरह केवल खबरों तक सीमित रह जाएगा।