सागर-सिरोंजा बालक छात्रावास में हा-द-से से बाल-बाल बचे छात्र, छत का सीमेंट गिरा सोते समय
सागर के सिरोंजा बालक छात्रावास में रह रहे छात्रों की जान खतरे में है। हाल ही में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब देर रात करीब 1 बजे छात्र गहरी नींद में सो रहे थे और अचानक छात्रावास की छत से सीमेंट का हिस्सा गिर पड़ा। गनीमत रही कि कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने छात्रावास की जर्जर स्थिति की पोल खोल दी है।
छात्रों ने बताया कि जिस समय हादसा हुआ, उस दौरान वे सभी सो रहे थे। सीमेंट का मलबा गिरने से कुछ छात्रों को हल्की चोटें आईं, लेकिन यदि गिरावट का दायरा थोड़ा और बड़ा होता तो कोई बड़ी जनहानि हो सकती थी। यह घटना साफ दर्शाती है कि छात्रावास की बिल्डिंग बेहद खस्ताहाल है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
इसके अलावा छात्रावास में सुरक्षा व्यवस्था का भी बुरा हाल है। छात्रों ने बताया कि आए दिन हॉस्टल में गुहेरे ,जहरीले सांप निकलते रहते हैं। ये गुहेरे दीवारों पर चिपके रहते हैं और कई बार छात्रों के बिस्तरों के पास तक पहुंच जाते हैं। इस डर से छात्र रात में चैन की नींद नहीं ले पा रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि हॉस्टल प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। न तो कोई फॉगिंग होती है, न ही जर्जर भवन की मरम्मत। कई बार शिकायतों के बावजूद आज तक कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया गया है।
छात्रों के अभिभावकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में तत्काल संज्ञान लिया जाए और छात्रावास की मरम्मत, साफ-सफाई, और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। अगर इस ओर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी।
बालकों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों ही प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन मौजूदा स्थिति में सिरोंजा बालक छात्रावास न तो सुरक्षित है और न ही रहने लायक। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों से अपील है कि वे मौके का निरीक्षण कर तत्काल कार्रवाई करें।