सागर की ‘स्मार्ट सिटी’ पर पानी फिरा, अंडर ब्रिज में घुटनों तक जलभराव, निगम की पोल खोलती तस्वीरें
सागर शहर को स्मार्ट सिटी का तमगा मिला है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। तस्वीरों में जो आप देख रहे हैं, वो कोई गांव या पिछड़ा इलाका नहीं, बल्कि खुद को स्मार्ट सिटी कहने वाला सागर का अप्सरा रेलवे अंडर ब्रिज है। बारिश होते ही यह अंडर ब्रिज किसी तालाब का रूप ले लेता है, जहां पैदल चलना तो दूर, वाहन भी फंस जाते हैं। बारिश के चलते अंडर ब्रिज में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे भगवानगंज, सदर और कटरा क्षेत्र के लोगों का शहर से संपर्क टूट जाता है।
यह ब्रिज न केवल प्लेटफार्म नंबर एक और दो को जोड़ता है, बल्कि आसपास के इलाकों को जोड़ने का भी मुख्य मार्ग है। नगर निगम द्वारा पिछले तीन महीनों से नालों की सफाई और टेपिंग का दावा किया गया था। निगमायुक्त ने मानसून से पहले हर जरूरी कदम उठाने का दावा किया था ताकि शहर में जलभराव न हो। लेकिन हकीकत में सिर्फ दिखावा हुआ, और यह तस्वीरें वही झूठ उजागर कर रही हैं।
स्थानीय निवासी कमलेश तिवारी ने बताया कि अप्सरा रेलवे अंडर ब्रिज ही सदर और भगवानगंज से कटरा आने-जाने का प्रमुख मार्ग है। लेकिन अब यह रास्ता जलभराव की वजह से बंद जैसा हो गया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा: ए रुक, के बरस पानी जरा, मेरे शहर को तुझको सहने की क्षमता नहीं, सागर के नाली, नाले तनिक बारिश में जाते भर, अब और भरने की क्षमता नहीं! यह कटाक्ष सागर की योजनाओं और नगर निगम की कार्यशैली पर करारा तमाचा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन एक महीने की मामूली बारिश ने निगम की सारी व्यवस्थाओं की कलई खोल दी है।
शहर में बारिश का मौसम शुरू हुए करीब एक महीना हो गया है, और हर बारिश के साथ सागर के कई क्षेत्र जलमग्न हो जाते हैं। अप्सरा अंडर ब्रिज की स्थिति इस बात का उदाहरण है कि कैसे प्रशासन सिर्फ कागजों पर ही काम करता है और जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य नहीं दिखता। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक किसी वीआईपी का दौरा न हो, तब तक सफाई और नालों की मरम्मत सिर्फ फाइलों में ही होती है।
आम जनता को इस अनदेखी का खामियाजा भुगतना पड़ता है – ट्रैफिक जाम, गंदा पानी, बदबू और संक्रमित बीमारियां सब उनके हिस्से में आती हैं। इस तस्वीर को देखकर अब सवाल उठता है – क्या वाकई सागर स्मार्ट सिटी है, या सिर्फ नाम के आगे स्मार्ट लगाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है?