Sagar- जमीन वही, फसल नई! रेड डायमंड अमरूद की खेती से किसान बनेंगे मालामाल, साथ में सब्सिडी भी..
किसान सालों से परंपरागत खेती में मेहनत तो खूब करते रहे, लेकिन आमदनी का रास्ता मुश्किलों से भरा रहा. बारिश के भरोसे खेती करने वालों को न तो फसल की गारंटी थी, न ही मुनाफे की उम्मीद. ऐसे में अब एक नई पहल ने उम्मीद की किरण जगाई है थाईलैंड से आई अमरूद की एक खास किस्म, जिसका नाम है रेड डायमंड.
इस अमरूद की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे लगाने के महज छह महीने के अंदर फल लगने लगते हैं और साल में दो बार अच्छी पैदावार होती है. यही नहीं, इसका दाम भी बाज़ार में आम अमरूद से कहीं ज्यादा मिलता है. किसान बताते हैं कि ये अमरूद आधे पानी में भी भरपूर फल देता है. यानी जो खेती अब तक घाटे का सौदा लगती थी, वही अब कमाई का ज़रिया बन सकती है.
सागर में उद्यानिकी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पी एस बड़ोले बताते है कि सरकार ने इस अमरूद की खेती के लिए अनुदान भी तय किया है. किसानों को 60 से 80 हज़ार रुपये तक की मदद दी जाएगी, जिससे वे आसानी से पौधे लगा सकें और बगीचा तैयार कर सकें. इसके लिए सबसे पहले mpfsts पोर्टल पर पंजीयन करना होगा. इसके बाद आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज़ जैसे B1 और B2 की नकल अपलोड करनी होगी. जो किसान मनरेगा जॉब कार्ड वाले हैं, वे सीधे पंचायत का प्रमाण पत्र और दस्तावेज़ लेकर उद्यानिकी विभाग पहुँच जाएँ, उन्हें लॉटरी का इंतज़ार नहीं करना होगा.