यहाँ विधायक से बड़े हो गए डॉक्टर, मरने के बाद भी नहीं पसीजा दिल
मध्य प्रदेश के सागर संभाग के छतरपुर जिले के बक्सवाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को मानवता और चिकित्सा सेवा दोनों शर्मसार हो गए। यहां पर एक वृद्धा का शव 24 घंटे तक अस्पताल में यूं ही पड़ा रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी करने में गंभीरता नहीं दिखाई। बदइंतजामी और संवेदनहीनता की हद तो तब हो गई जब न तो पोस्टमार्टम को लेकर अस्पताल पहुंचे तहसीलदार एवं क्षेत्रीय विधायक की बात तक नहीं मानी गई। अस्पताल पहुंची क्षेत्रीय विधायक रामसिया भारती की मौजूदगी का कोई असर नहीं हुआ।
घटना क्रम बकस्वाहा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम सलैया (ग्राम पंचायत केरवारा) से सामने आया है। जहां पर शुक्रवार को कीचड़ में फिसलने से 70 वर्षीय तान बाई पति शंकर लोधी की मौत हो गई। मृतका दमोह जिले के कारिजो खैजरा की रहने वाली थीं। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी सुनीता बिंधुआ ने तत्परता दिखाते हुए मर्ग कायम किया और शव को पोस्टमार्टम हेतु सीएचसी वकस्वाहा भेजा गया। लेकिन यहां स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाह व्यवस्था ने मृतका के परिजनों को तड़पा दिया। तहसीलदार भरत पांडे और विधायक रामसिया भारती ने कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी। विधायक रामसिया भारती ने इस पूरे घटनाक्रम को अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि कल शाम से शव अस्पताल में रखा है और डॉक्टर संवेदनहीन बने बैठे हैं। तहसीलदार को अपमानित किया गया और डॉक्टरों का व्यवहार प्रशासनिक अनुशासन के बिल्कुल खिलाफ है। मैं चेतावनी देती हूं, यदि ये रवैया नहीं बदला तो कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।