सागर- राहतगढ़ से रामदेवरा तक 1200 किमी की आस्था यात्रा, पैदल निकला लोहपीटा समाज का जत्था
सागर जिले की राहतगढ़ तहसील से बाबा रामदेवra के दर्शन के लिए लोहपीटा समाज के करीब 20 श्रद्धालुओं का जत्था पैदल यात्रा पर रवाना हुआ है। इस जत्थे में दो महिलाएं भी शामिल हैं, जो पूरे समर्पण के साथ अपने इष्ट देव के दर्शन की लालसा लिए 1200 किलोमीटर लंबी यात्रा पर निकले हैं। यह यात्रा लगभग एक माह में पूरी होगी, जिसके बाद सभी भक्त राजस्थान के जैसलमेर जिले के रामदेवरा धाम पहुंचेंगे। पैदल यात्री लखन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान रामदेव विष्णु के अवतार माने जाते हैं और राजा अजमल जी के पुत्र थे। हर साल भादो माह में राजस्थान के रामदेवरा में एक विशाल मेला लगता है, जहां लाखों श्रद्धालु देशभर से पहुंचकर बाबा के दरबार में शीश नवाते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
उन्होंने बताया कि इस पवित्र स्थल पर असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। चाहे लकवा हो, चर्म रोग हो या संतान प्राप्ति की इच्छा हो, बाबा रामदेवra के दरबार में हर मुराद पूरी होती है। यही आस्था और विश्वास इन यात्रियों को इस कठिन सफर पर पैदल चलने की शक्ति देता है। पैदल यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने बताया कि वे जोधपुर से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित रामदेवरा धाम पहुंचकर बाबा रामदेव के दर्शन करेंगे। वहां आयोजित मेले में शामिल होकर पूजा-अर्चना करेंगे और अपने परिवार व समाज की सुख-शांति की दुआ मांगेंगे।
श्रद्धालुओं का यह जत्था अपने साथ न सिर्फ भक्ति और आस्था का संदेश लेकर चला है, बल्कि यह भी दिखाता है कि आज के समय में भी सच्ची आस्था इंसान को किसी भी मुश्किल रास्ते पर चलने की ताकत देती है। भक्तों ने बाबा रामदेव के जयकारों के साथ अपनी यात्रा शुरू की और उम्मीद जताई कि यह यात्रा सफलतापूर्वक पूरी होगी और सभी की मनोकामनाएं पूरी होंगी। राहतगढ़ से रवाना हुआ यह जत्था अब आस्था और विश्वास के साथ बाबा रामदेव के दर्शन के लिए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ चला है।