सड़क के गड्ढों से ज़रा बचके कहीं आपको अस्पताल न पहुंचा दें ये गड्ढे ! || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS |
सागर शहर के लोग किसी चीज से परेशान हो न हों लेकिन प्यारी-प्यारी सी सड़कों पर हुए गड्ढों से जरूर परेशान हैं। देखने में ये गड्ढे भले ही छोटे हों। लेकिन हैं बहुत खतरनाक जो कभी भी लोगों की जान की दुश्मन बन सकते हैं। सागर स्मार्ट हो रहा है लेकिन ये गड्ढे पीछा नहीं छोड़ रहे हैं।सबसे पहले बात करते हैं। शहर के परकोटा की जहां एक नहीं बल्कि दो-दो घातक गड्ढे हैं। गौर से नज़र डालें तो ये गड्ढा परकोटा से गऊघाट तरफ जाने वाले रास्ते पर पढ़ता है। अब एक बात गौर कीजिये की यहां से टर्न होकर जाने वाले बाइक और कार सवार इससे बचकर निकल रहे हैं। क्योंकि डर ये है। की कहीं इससे कोई दुर्घटना का शिकार न हो जाए। अब इसके बाद देखिये ये नज़ारा जो परकोटा का ही है। साईं बाबा मंदिर के जीने के ठीक बाजु से ये गड्ढा है जिस पर चैम्बर डाला हुआ है लेकिन भारी वाहनों की वजह से ये नीचे पहुँच गया है। इन गड्ढों की बात इसलिए हो रही है। क्योंकि ये सागर शहर का सबसे व्यस्ततम इलाका है। और लगातार वाहनों की आवाजाही होती है। यहां से निकलने वालों को भी ये डर हर समय सताता है की वो हादसे का शिकार न हो जाएँ। ये दोनों ही गड्ढे किसी की जान ले सकते हैं। इसे नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता।कोई ऐसा नहीं है की ये दोनों तरफ गड्ढे अभी हुए हैं बल्कि कई महीने से हैं। तो सवाल उठता है। की आखिर इन्हे दुरुस्त क्यों नहीं किया गया। क्या नगर निगम किसी अनहोनी के इंतजार में है। क्योंकि कुछ समय पहले ही एक बड़ा ट्रक यहां फंस गया था। हर बार किसी भी चीज पर शायद तब ही ध्यान दिया जाता है। जब तक की कुछ अनहोनी न हो जाए। यहां से जिम्मेदार लोगों का लगातार आना जाना होता है। तो क्या किसी की भी नज़र इन गड्ढों पर नहीं पड़ी या फिर इस और ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझा गया। आखिर देरी क्यों की जा रही है। क्या फिर किसी हादसे का इन्तजार किया जा रहा है। नगर निगम प्रशासन का इतना ढुल मुल रवैया क्यों है।इसके बाद बात करें तो दीनदयाल चौराहे के पास भी एक बड़ा गड्ढा है। जिसे कुछ समय पहले खोदा गया था लेकिन ठीक तरह से व्यवस्थित नहीं किया गया है लिहाजा राहगीर और वाहन चालक इससे बचकर निकलते हैं।ऐसा नहीं है की ये नगर निगम की जानकारी में नहीं है। खुद निगम उपायुक्त का कहना है। की आयुक्त के संज्ञान में ये मामला है। लेकिन बात ये है की इसे और अन्य गड्ढों को चिन्हित कर भरा जायेगा। सुनिए ज़रा निगम उपायुक्त प्रणय कमल खरे का क्या कहना है।