बाढ़ का कहर – सेना का बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, ग्रामीणों को बचाया, नदी का बढ़ता जलस्तर, कई गांवों में जलभराव
सिंध नदी के उफान के चलते हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। बीती रात से लगातार बारिश के कारण गांव पूरी तरह डूब क्षेत्र में आ गया। कई घरों में पानी घुस गया, जिससे ग्रामीणों को रातभर छतों पर शरण लेकर गुजारनी पड़ी। हालात बिगड़ते देख सेना ने मोर्चा संभाला और बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। एमपी के शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के ग्राम अनंतपुर के रहने वाले विजय राठौर ने बताया कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से फैला कि उन्हें संभलने का मौका ही नहीं मिला। उन्होंने कहा, "पूरी रात हम छत पर बैठे रहे, खाना भी नहीं खा पाए। सात-आठ गांवों में पानी भर गया है। अब सेना वोट के चक्कर लगाकर लोगों को बाहर निकाल रही है।" गांव के बाकी हिस्सों में भी लोग छतों और ऊंची जगहों पर फंसे रहे। तेज बारिश और बढ़ते पानी के स्तर ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी थी।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए झांसी से सेना की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रमुख अमरनाथ ने बताया, "हमारी टीम झांसी से यहां आई। पहुंचते ही रेस्क्यू शुरू किया। अब तक करीब 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।" सेना की टीम ने नाव को सड़कों और खेतों में भरे पानी में उतारा और लोगों को घरों से सुरक्षित किनारे तक पहुंचाया। सिंध नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। आसपास के कई गांव जैसे अनंतपुर, अमलावदी, बिजौरोनी समेत करीब सात-आठ गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। खेतों में खड़ी फसलें भी पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि राहत शिविर, भोजन और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए, ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत मिल सके।
प्रशासन की ओर से भी लगातार निगरानी की जा रही है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर रहें और बेवजह पानी में जाने से बचें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते सेना की टीम नहीं पहुंचती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस राहत और बचाव कार्य के चलते अब तक किसी तरह की जनहानि की खबर नहीं है, जो कि सेना और प्रशासन की सक्रियता का परिणाम है। त्यधिक वर्षा और सिंध नदी के उफान ने कोलारस क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, लेकिन सेना और प्रशासन की सतर्कता से अब तक कई लोगों की जान बचाई जा चुकी है।