गांव के किसानों की फरियाद, फसल बर्बाद, निजी जमीन से जबरन निकाला रास्ता
तहसील क्षेत्र के उमराओ गांव के दो दर्जन से ज्यादा किसान गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे एमपी के दमोह जिले के पथरिया एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी व्यथा सुनाई। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी निजी कृषि भूमि से जबरन आम रास्ता निकाल दिया, जिससे करीब 12–13 एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि तहसीलदार और संबंधित अमले ने बिना पूर्व सूचना या नोटिस के खेत में जेसीबी चलवा दी। “हमने कई बार तहसीलदार से लेकर पटवारी तक को बताया कि हमारी जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो जाएगी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी,” किसानों ने दुख जताते हुए कहा।
करीब एक हफ्ते पहले गांव के कुछ लोगों ने चक्का जाम कर प्रशासन से शिकायत की थी कि गांव में आम रास्ता नहीं है, जिससे आवाजाही में दिक्कत हो रही है। इसके बाद प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया। लेकिन, जिन किसानों की ज़मीन से रास्ता निकाला गया, उनका कहना है कि “रास्ता तो ज़रूरी है, पर हमारा सुना भी तो जाए। हमें भी तो मुआवजा मिले।” किसानों के मुताबिक, खेत में तैयार सोयाबीन और अरहर की फसल थी, जो जेसीबी चलने से पूरी तरह नष्ट हो गई। इससे हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों का दर्द साफ दिखा: “पैसे उधार लेकर खेत बोया था, अब पूरा नुकसान हो गया।" ग्रामीणों की शिकायत पर SDM पथरिया ने दोबारा भूमि का नाप कराने और वास्तविक स्थिति देखने का आश्वासन दिया। इससे किसानों को थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है। पीड़ित किसानों की मांग, बिना सूचना और मुआवजे के खेत से रास्ता निकालने पर कार्रवाई की जाए। नुकसान का मुआवजा मिले। भविष्य में ऐसी कार्रवाई से पहले किसानों की राय और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाए।