राजधानी में सागर की सियासी तस्वीर: एकजुटता, गुटबाज़ी और बदलते समीकरण की कहानी |SAGAR TV NEWS|
तस्वीरें बोलती है ये लाइन आपने कभी न कभी जरूर सुनी होगी। लेकिन सियासत में तस्वीरें बोलती भी है और कई सन्देश भी देती है। जैसे हाल के दिनों में मध्यप्रदेश की पॉलिटिक्स में सागर जिले के नेताओ की तस्वीरें बयान कर रही है। राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है ऐसे में प्रदेश भर के नेताओ का भोपाल पहुंचना हो रहा है। सागर जिले के तमाम जनप्रतिनिधि भी प्रदेश के बड़े नेताओ और मुखिया सीएम मोहन यादव से मुलाकात कर रहे है।
ऐसी ही कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। जो कई तरह के कैप्शंस के साथ शेयर भी की जा रही है। इन तस्वीरो में गुटबाज़ी शक्ति प्रदर्शन की झलक भी दिखाई दे रही है। जैसा की सागर की राजनीति को नजदीक से जानने वाले जानते है की मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच सियासी टकराव जारी है। दोनों तरफ तलवारें खिची है। सागर जिले में बीजेपी मोटा माटी इन्ही दो गुटों बट गयी है। जबकि पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव अब भी खुद की पोजीशन न्यूट्रल बनाये रखने में कामयाब है।
उधर भोपाल में इसी तस्वीरें भी देखने मिली। जहाँ मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के साथ सागर सीट से सांसद लता वानखेड़े, सागर नगर विधायक शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया, बंडा विधायक वीरेंद्र लोधी, बीना विधायक निर्मला सप्रे सभी सीएम मोहन यादव से मुलाकात करने पहुंचे। जबकि पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके गुट में जिले के एक मात्र विधायक बृजबिहारी पटैरिया इस तस्वीर से नदारत रहे।
इस मुलकात के कई मायने भी निकलकर सामने आये है एक तो इन विधायकों और सांसद ने एक जुटता का सन्देश देने की कोशिश की वही ये भी जताया की सागर जिले में उनका पड़ला भारी है। उधर दूसरी तरफ भूपेंद्र सिंह सीएम मोहन यादव से वन टू वन मुलाकात करने पहुंचे थे ऐसे ही देवरी विधायक बृजबिहारी पटैरिया भी अकेले ही सीएम से औपचारिक मुलाकात करने पहुंचे।
वही इस गुटबाज़ी से खुद को दूर रखने वाले पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी अकेले ही सीएम से मिलने पहुंचे। मतलब साफ़ है सागर जिले की इस फोटो पॉलिटिक्स में कई तरह से सन्देश देने की कोशिश की जा रही है। कुल मिलाकर, सागर की राजनीति में तस्वीरें अब केवल यादगार के लिए नहीं, बल्कि शक्ति, सन्देश और समीकरणों की कहानी कहने का सबसे असरदार जरिया बन चुकी हैं। और आने वाले वक्त में यही तस्वीरें तय करेंगी कि सियासत की स्क्रिप्ट में किस किरदार को कितना स्पेस मिलेगा।