खाद संकट पर अनोखा विरोध! कलेक्ट्रेट तक जमीन पर घिसटकर पहुंचे युवा, 4 विधायक, 2 मंत्री फिर भी किसान बेहाल!
इन दिनों खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। लेकिन अब यह समस्या सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मध्यप्रदेश के सागर संभाग के दमोह जिले के कलेक्ट्रेट तक गूंज उठी। बुधवार दोपहर, जिले के युवाओं और जागरूक नागरिकों ने एक अनोखा प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट तक जमीन पर घिसटते हुए मार्च निकाला और शासन-प्रशासन को जगाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने नुक्कड़ नाटक के ज़रिए शासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल खड़े किए। उनके हाथों में जनप्रतिनिधियों की फोटो लगे बैनर थे, और नारे थे – "किसानों को दो राहत, करो खाद की बरसात।"
प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना था कि जिले में चार-चार विधायक और दो राज्य मंत्री होने के बावजूद भी किसानों को खाद के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं, फिर भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रहा है। कुछ दिन पहले तेंदूखेड़ा में किसानों ने जबलपुर-दमोह स्टेट हाईवे जाम कर दिया था, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं आया है। प्रदर्शन के बाद युवाओं ने SDM आर.एल. वागरी को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जिले में तत्काल खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इस पूरे प्रदर्शन के दौरान दमोह सीएसपी एच.आर. पांडे और कोतवाली थाना प्रभारी मनीष कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात रहे ताकि कोई अप्रिय स्थिति ना बने। मुख्य रूप से प्रदर्शन में दृगपाल सिंह लोधी, प्रवेंद्र चंद्राकर सहित दर्जनों युवा शामिल रहे, जिन्होंने शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली प्रदर्शन के ज़रिए प्रशासन का ध्यान खींचा। यह विरोध एक सीधा संदेश था – "किसानों को खाद चाहिए, वादे नहीं!"