सागर की गंगा आरती का एक साल पूरा, श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब, गंगा आरती ने रचा नया इतिहास
सागर की ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील किनारे स्थित चकराघाट पर आयोजित गंगा आरती ने सोमवार को अपने सफलतम एक वर्ष पूरे कर लिए। 12 अगस्त 2024 को शुरू हुई यह आरती अब शहर की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है। बीते सोमवार, 11 अगस्त को आयोजित विशेष आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और उत्साह, भक्ति और हर्षोल्लास के साथ धर्मलाभ लिया। नगर निगम और स्मार्ट सिटी के संयुक्त प्रयास से शुरू हुई यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि झील को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा रही है। आज सागर की झील में स्वच्छ जल एकत्र है और शहर स्वच्छता रैंकिंग में देश के शीर्ष 10 में शामिल है।
गंगा आरती के इस वर्षगांठ अवसर पर स्व. देवेंद्र सिंह राजपूत की पुण्यतिथि पर उनके परिजनों — धर्मपत्नी रीता राजपूत और बेटी दिव्याराजे राजपूत — ने मुख्य यजमान बनकर पूजन किया। उन्होंने आस्था और श्रद्धा के साथ आरती में हिस्सा लिया। सावन और रक्षाबंधन के पावन अवसर पर भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शहर के विभिन्न वार्डों से महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में पहुंचे। झील के किनारे की सुंदरता और आरती की भव्यता ने माहौल को और भी पवित्र और आनंदमय बना दिया।
स्मार्ट सिटी और नगर निगम द्वारा चकराघाट पर किए गए सौंदर्यीकरण ने इस स्थान को आकर्षण का केंद्र बना दिया है। गंगा आरती में शामिल होने के लिए अब शहर ही नहीं, बल्कि आस-पास के इलाकों से भी लोग पहुंच रहे हैं। जो भी नागरिक गंगा आरती में यजमान बनना चाहते हैं, वे आरती शुरू होने से 30 मिनट पहले चकराघाट पर मौजूद आयोजक अंकित दीक्षित या पुजारियों से संपर्क कर सकते हैं।