सागर- 350 साल पुराने बिहारी जी मंदिर की महिमा अपरंपार, दो दिन तक चलेगा कृष्ण जन्मोत्सव
सागर के मिनी वृंदावन कहे जाने वाले बड़ा बाजार में स्थित बिहारी जी मंदिर में जन्माष्टमी की तैयारी लगभग पूरी हो गई हैं. सुबह आठ बजे से दो दिन तक जनमोत्स्व का महोत्स्व चलेगा, सागर शहर में बिहारी जी के मंदिर की जन्माष्टमी मनाने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ता है. रात सवा 12 बजे तक जनमोत्स्व होगा इसके बाद बधाई नृत्य गीत संगीत रात भर चलेगा प्रसादी वितरण होगा, करीब 350 साल पुराने इस मंदिर की महिमा अपरंपार है.
मंदिर के पुजारी अमित चाचोंदिया बताते हैं कि यहां भगवान कृष्ण स्वयं आए थे. उन्हें स्थापित नहीं किया गया था. यह भी कहा जाता है कि साधुओं की टोली सागर से गुजरी थी, जो पालकी में बिहारी जी को बिठाए थी. टोली ने सागर में रात्रि विश्राम किया, लेकिन सुबह जब चलने का वक्त आया, तो बिहारी जी टस के मस नहीं हुए और यहीं स्थापित हो गए और उनका नाम अटल बिहारी हो गया. मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां किसी भी भक्त को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलता है. बिहारी सरकार के दरबार में राजा और रंक एक बराबर हैं.वैसे तो यह मंदिर अटल बिहारी का मंदिर कहलाता है. लेकिन सागर शहर के लोग इस मंदिर को बिहारी जी का मंदिर बोलते हैं. मंदिर के प्रति शहर के लोगों की अटूट आस्था है