सागर- ये वकील साहब हर साल गणेश प्रतिमाओं का करते है निःशुल्क वितरण – ढाना में अनूठा आयोजन
सागर जिले के ढाना में गणेश चतुर्थी के अवसर पर इस बार भी भगवान गणेश जी की पर्यावरण हितैषी प्रतिमाएं तैयार की जा रही हैं। खास बात यह है कि ये प्रतिमाएं गौ-गोबर, गौ-मूत्र, शुद्ध मिट्टी और पवित्र नदियों के जल से निर्मित हो रही हैं। इस परंपरा का उद्देश्य न केवल भगवान गणेश की प्रतिमा का विधिवत पूजन कराना है, बल्कि पीओपी से बनी प्रतिमाओं के उपयोग को कम करके प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना भी है।
यह आयोजन पिछले 12 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। इस बार आयोजन का 13वां वर्ष है। समाजसेवी और मध्यप्रदेश शासन के अपर लोक अभियोजक/शासकीय अधिवक्ता दीपक पौराणिक प्रतिवर्ष इन प्रतिमाओं का निःशुल्क वितरण करते हैं। उनका कहना है कि गणेश प्रतिमाओं का घर-घर पूजन हो, साथ ही विसर्जन भी इस तरह हो कि जल स्रोत प्रदूषित न हों।
दीपक पौराणिक ने बताया कि प्रतिमाओं के वितरण के बाद लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे इनका घर पर ही विसर्जन करें। इसके लिए गंगा या नर्मदा के जल को मिलाकर एक पात्र/कुंड में प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है। इस तरह धार्मिक आस्था भी बनी रहती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता। गणेश चतुर्थी के पूर्व इन प्रतिमाओं का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। प्रतिमाओं का निर्माण ढाना में प्रारंभ हो चुका है। इन प्रतिमाओं में प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होने से यह न केवल पर्यावरण हितैषी हैं, बल्कि परंपरा और संस्कृति का भी संरक्षण करती हैं। यह पहल स्थानीय स्तर पर आस्था और पर्यावरण के संतुलन की मिसाल बन चुकी है और हर साल हजारों लोग इस अभियान से जुड़ते हैं।