Sagar-मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं का निःशुल्क वितरण, “जीवन में श्री गणेश” विषय पर हुई चर्चा
सागर के ढाना में पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक परंपरा को एक साथ जोड़ते हुए ग्राम ढाना में सोमवार को विशेष आयोजन हुआ। यहाँ गौ-गोबर और पवित्र नदियों के जल से बनी भगवान गणेश की प्रतिमाओं का निःशुल्क वितरण किया गया। साथ ही “जीवन में श्री गणेश” विषय पर संगोष्ठी भी आयोजित हुई।
इस आयोजन को समाजसेवी और मध्यप्रदेश शासन के अपर लोक अभियोजक/अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता दीपक पौराणिक ने 13वें वर्ष भी जारी रखा। उन्होंने बताया कि इन प्रतिमाओं का निर्माण पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए किया जाता है ताकि पीओपी से बनी मूर्तियों के कारण नदियों और तालाबों को नुकसान न पहुँचे। कई बार प्रतिमाओं का विसर्जन घर में ही पात्रों में गंगा-नर्मदा जल मिलाकर किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वस्तिवाचन और कन्या पूजन से की गई। अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया गया। ग्राम सरपंच सुरेंद्र तिवारी ने दीपक पौराणिक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि समाज और प्रकृति के लिए भी प्रेरणादायी है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कृष्ण केशव पौराणिक ने की। उन्होंने कहा कि भगवान गणेश से छात्र-छात्राएं एकाग्रता, ज्ञान अर्जन और माता-पिता की सेवा जैसे गुण सीख सकते हैं। ज्योतिषाचार्य कौशल किशोर पाठक ने गणेश पूजन में उपयोग होने वाले बेलपत्र और पुष्पों के महत्व को बताया।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष गणेश दुबे ने गणेशजी के स्वरूप से जीवन-शिक्षा लेने की बात रखी। वहीं सरस्वती स्कूल की प्राचार्या कृष्णा चौबे ने कहा कि गणेशजी के आदर्शों को जीवन में अपनाना चाहिए। दीपक पौराणिक ने कहा कि आने वाले दिनों में गणेशोत्सव के दौरान प्रतिदिन कोई न कोई सांस्कृतिक या शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिससे छात्र-छात्राएं और युवा सक्रिय भागीदारी कर सकें। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, छात्र-छात्राएं और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।