Sagar- पितृपक्ष में दान की नई परंपरा – दीनदयाल रसोई में असहायों को मिल रहा फ्री में भोजन
सागर से एक प्रेरणादायी खबर सामने आई है। यहां पितृपक्ष के अवसर पर दानदाताओं ने एक अनोखी पहल की है। दीनदयाल अंत्योदय रसोई के माध्यम से गरीबों, असहायों, दिव्यांगों और वृद्धजनों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह व्यवस्था पिछले 15 वर्षों से लगातार की जा रही है, जहां लोग अपने स्वर्गीय परिजनों की पुण्य स्मृति में श्राद्ध पक्ष के दौरान भोजन दान करते हैं।
इस सेवा के जरिए न केवल जरूरतमंदों का पेट भरता है बल्कि पूर्वजों की याद में एक सच्चा श्राद्ध अर्पण भी होता है। चकराघाट और मेडिकल कॉलेज परिसर में दीनदयाल अंत्योदय रसोई केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल रसोई वैन के जरिए भी शहर के विभिन्न इलाकों में जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने एनयूएलएम शाखा को निर्देश दिए हैं कि पितृपक्ष में अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक यह सुविधा पहुंचाई जाए। मोबाइल रसोई वैन एलिवेटेड कॉरिडोर, चकराघाट पर सुबह 9 बजे से 12 बजे तक मौजूद रहेगी। यहां शहरवासी आकर न सिर्फ सहयोग राशि जमा कर सकते हैं, बल्कि स्वयं भी इस पुनीत कार्य का हिस्सा बन सकते हैं।
सागर में चल रही यह पहल न केवल भूखे पेटों को भोजन दे रही है, बल्कि समाज को भी यह संदेश दे रही है कि पितृपक्ष केवल कर्मकांड तक सीमित न रहकर सेवा और करुणा से भी मनाया जा सकता है। एस.जी.एस. ग्रुप के संतोष चौरसिया, पूनम विश्वकर्मा, उषा चौरसिया और सुमित प्रजापति जैसे दानदाताओं का कहना है कि यह सेवा पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए और समाज के हित में एक छोटी सी कोशिश है।