“नो एब्यूज डे” पर सागर शहर में निकली भव्य रैली, बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई
आज वैचारिक स्वच्छता अभियान के तहत 17 सितम्बर “नो एब्यूज डे” पर भव्य रैली का सफल आयोजन किया गया। रैली का शुभारंभ अभियान की संस्थापिका डॉ. वंदना गुप्ता के शंख नाद से हुआ, जिसने पूरे वातावरण में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार किया।
रैली का मुख्य उद्देश्य समाज को यह संदेश देना था कि मां, बहन, बेटी के नाम पर दी जाने वाली गालियाँ केवल महिलाओं का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का अपमान हैं। इन अभद्र शब्दों का प्रयोग मानसिक प्रदूषण फैलाता है, इसलिए समय आ गया है कि इसे जड़ से समाप्त किया जाए।
रैली के दौरान महिलाओं ने प्रभावी नारों के माध्यम से आमजन को जागरूक किया:
1. शब्द बनें पहचान तुम्हारी, गाली दें तो कैसी यारी?
2. मां बहन की गाली बोलोगे, जीवन में जहर को घोलोगे। 3. इतना नहीं है तुमको ज्ञान? गाली से घटता है मान।
4. हम परिवर्तन लाएंगे, गाली दूर भगाएंगे।
5. मां बहन बेटी गालियां, बंद करो बंद करो।
6. मां बहन बेटी गालियां, शर्म करो शर्म करो।
रैली में सामाजिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न संगठनों एवं प्रबुद्ध नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया समापन अवसर पर उपस्थित सभी वक्ताओं ने वैचारिक स्वच्छता अभियान की समाज में अति आवश्यकता पर बल दिया अंत में डॉ वंदना गुप्ता ने सभी को मां बहन बेटी की गालियां न देने का संकल्प दिलाया।रैली पश्चात माननीय मख्यमंत्री मध्य प्रदेश जी के नाम ज्ञापन दिया गया जिसे तहसीलदार श्री प्रतीक कुमार जी ने म्युनिसिपल स्कूल पर आकर लिया।
मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश सरकार से हमारी मांगें
1. मध्यप्रदेश शासन द्वारा 17 सितम्बर को आधिकारिक रूप से “नो एब्यूज डे – जनजागृति संकल्प दिवस” घोषित किया जाए।
2. सार्वजनिक स्थलों, मीडिया, फिल्मों, ओटीटी व सोशल प्लेटफॉर्म पर माँ-बहन-बेटी से जुड़ी अभद्र गालियों पर नियंत्रण हेतु कानूनी प्रावधान किए जाएँ।
3. विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में मानसिक स्वच्छता एवं सभ्य संवाद पर नियमित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित हों।
4. इस अभियान को स्वच्छ भारत मिशन की तरह ही वैचारिक स्वच्छता मिशन के रूप में राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लागू किया जाए।
5. महिला सम्मान, पारिवारिक सौहार्द और सामाजिक शांति को बढ़ावा देने हेतु शासन/प्रशासन द्वारा सहयोग व संरक्षण दिया जाए।
6. सभी सार्वजनिक स्थलों व परिवहन साधनों (बस, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि) पर “नो एब्यूज” के बोर्ड नो स्मोकिंग की तर्ज पर लगाए जाएँ।
7. प्रत्येक विद्यालय में “संकल्प बोर्ड” लगाए जाएँ, जिन पर विद्यार्थी एवं शिक्षक यह लिखें और संकल्प लें “हम जीवन में कभी भी माँ-बहन-बेटी की गाली नहीं देंगे।
रैली में अनेक संस्थाओं व संगठनों ने महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई जिनमें प्रमुख रूप से शिवराम जनकल्याण सेवा समिति,वी क्लब सागर गोल्ड,वी क्लब सागर प्रगति, वी क्लब सागर गरिमा,वी क्लब सागर स्पेशल,केसरवानी वैश्य महिला सभा ,वैश्य महिला सभा,गहोई वैश्य महिला मंडल,नारी शक्ति चेतना, साहू महिला सभा,ब्राह्मण महिला सभा,स्वर्णकार महिला सभा,चौरसिया महिला सभा,अहिरवार महिला सभा,प्रजापति महिला सभा,अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महिला परिषद,मातृ शक्ति आयाम सागर,लायंस क्लब सागर झील, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ संघ,एम आर एसोसिएशन,अखिल भारतीय साहित्य परिषद ,कपड़ा व्यापारी संघ, सर्व ब्राह्मण समाज सागर,इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ,शिशु रोग विशेषज्ञ संघ,स्वामीविवेकानंद विश्वविद्यालय आदि अनेक संगठनों से समाजसेवियों ने रैली में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। रैली में प्रतिभागियों के प्रमुख नाम डॉ वंदना गुप्ता, प्रीति केसरवानी,आशा आढ़तियां,पूनम मेवाती, सर्वश्री गुप्ता,प्रतिमा तिवारी,रुक्मणि केसरवानी,ज्योति गौतम,नीतू केसरवानी,सीमा गुप्ता, मीना प्रजापति, लक्ष्मी केसरवानी, जागृति केसरवानी, चित्रा सोनी, मीनाक्षी तिवारी,कामना साहू,ज्योति दीक्षित, कंचन केसरवानी,आशा केसरवानी, अमृता सोनी, अर्चना भार्गव, निशा केसरवानी,साधना गुप्ता,राजकुमारी ठाकुर, हिमानी चौरासी, रश्मि चौरसिया, रोशनी रजक, आकृति सोनी, सुश्री मनोरमा गौर,जानकी अहिरवार,प्रीति सिंह राजपूत,दीपा अहिरवार,आशा केसरवानी,अलका जैन,चंपा नायक,डॉ ज्योति चौहान,डॉ साधना मिश्रा,डॉ मोना केसरवानी,सविता साहू,सुधा ,शशि साहू,सुधा रूसिया,रश्मि ,ज्योति जुड़ेले,सीता केसरवानी,डॉ नम्रता फुसकेले,विनीता केसरवानी,संध्या केसरवानी,रोशनी खरिया,अंजलि गुप्ता,अलका केसरवानी,सुषमा जैन, प्रवेश सिंह ठाकुर,डॉ रामानुज गुप्ता,डॉ संजोत माहेश्वरी,टीकाराम त्रिपाठी रुद्र,डॉ गजाधर सागर,डॉ ऐश्वर्य गुप्ता,सचिन जैन, प्रभात कटारे, सत्यम मिश्रा,दीपक सेन,प्रदीप जैन,पवन जैन,संजय गुप्ता एडवोकेट,महेंद्र राय,जितेंद्र जैन नमन आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।