Sagar- ज्वाला धाम तक, आस्था और भक्ति से भरी विशाल चुनरी यात्रा
सागर जिले के राहतगढ़ ब्लॉक के ग्राम झिला से प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल चुनरी यात्रा का भव्य आयोजन किया गया। नवरात्रि के इस अवसर पर जगह-जगह माता के उत्सव और भक्ति की धूम देखने को मिली। इस वर्ष झिला गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर मां ज्वाला देवी जालंधर धाम तक यात्रा निकाली गई। यह यात्रा मां बीजासेन मंदिर से प्रारंभ होकर ग्राम के मुख्य मार्गों से होती हुई, गाजेबाजे, अखाड़े और भक्तों के जोश के साथ बीना नदी, मालाघाट, नीलकंठ धाम, किशनगढ़, जमुनिया, कचनोंदा, काटीघाटी, सोठिया और लछनपुरा से होते हुए
जलंधर धाम पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने अपनी विशाल चुनरी माता के चरणों में अर्पित की।रास्ते में पड़ने वाले सभी गांवों में पुष्पवर्षा कर भक्तों का स्वागत किया गया, और ग्रामवासियों ने पेयजल और फलाहार की भी व्यवस्था की। यह यात्रा चैत्रीय और शारदीय नवरात्रि की सप्तमी को निकाली जाती है। जलंधर धाम पहुंचकर भक्तजन प्रसाद ग्रहण करते हैं और अपने घर लौटते हैं।
विशाल चुनरी यात्रा में हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु शामिल होते हैं। लगभग 18 से 20 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हुए, भक्त तपती धूप और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए माता के चरणों तक पहुंचते हैं। इस वर्ष 421 मीटर लंबी चुनरी माता के चरणों में अर्पित की गई। इस पूरी यात्रा को तय करने में लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगता है।यह यात्रा न केवल भक्ति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धालुओं की साहस, समर्पण और उत्साह का जीवंत प्रमाण भी है। हर कदम पर भक्त माता के प्रति अपनी श्रद्धा और विश्वास व्यक्त करते हुए, इस अनोखी परंपरा को जीवित रखते हैं।