छत्रसाल कॉलोनी में निगम की सख्त कार्रवाई, निरीक्षण में उजागर हुए फर्जी आवंटन, कर्मचारी निलंबित
सागर नगर निगम ने आज गरीबों के लिए बनाए गए आवासों में बड़ी गड़बड़ी का भंडाफोड़ करते हुए सख्त कार्रवाई की है। निगमायुक्त राजकुमार खत्री ने टीम व पुलिस बल के साथ बाघराज वार्ड स्थित छत्रसाल नगर कॉलोनी का औचक निरीक्षण किया, जहां फर्जी आवंटन, अवैध कब्जे और किराए पर दिए गए मकान बड़ी संख्या में पकड़े गए। छत्रसाल नगर कॉलोनी में गरीब परिवारों के लिए 1248 आवास बनाए गए थे, लेकिन शिकायतें मिल रही थीं कि इन मकानों पर अपात्र व्यक्ति कब्जा जमाए बैठे हैं, कई ने इन्हें किराए पर दे दिया है और कुछ ने तो बेचना भी शुरू कर दिया है।
सोमवार को निगमायुक्त ने जब मौके पर पहुंचकर बारीकी से ब्लॉकों की जांच की, तो हकीकत सामने आ गई। निरीक्षण में हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई—नगर निगम के ही टैक्स कलेक्टर शिवकुमार प्यासी के नाम पर 5 आवास और सफाई दरोगा गोपाल रैकवार के नाम पर एक आवास मिला, जिन्हें किराए पर दे दिया गया था। निगमायुक्त ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिन आवासों पर अवैध कब्जा या किराया पाया गया, उन पर निगम का ताला लगवाकर “अपात्र” लिखवाया गया और उन्हें निगम के आधिपत्य में ले लिया गया। निगमायुक्त ने स्पष्ट कहा कि जो भी आवंटन गलत पाया जाएगा, उसे निरस्त किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कॉलोनी में एलान करवाया कि अब कोई किराया न दे, यह संपत्ति नगर निगम की है।
जिन किराएदारों की पात्रता होगी, उनसे निर्धारित राशि लेकर उन्हें ही आवास पुनः आवंटित किए जाएंगे। जल्द ही शिविर लगाकर आवास आवंटन और बिजली कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त एस.एस. बघेल, इंजीनियर संजय तिवारी, दिनकर शर्मा और पुलिस बल मौजूद रहा। निगमायुक्त ने साफ कर दिया है कि गलत तरीके से कब्जा या खरीद-फरोख्त करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई तय है।