नक्सली मुठभेड़ में शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की अंतिम यात्रा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
एमपी के नरसिंहपुर में माहौल गमगीन है। नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हॉक फोर्स इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की श्रद्धांजलि यात्रा गुरुवार सुबह बालाघाट से उनके गृह जिले नरसिंहपुर पहुंची। शहीद के पार्थिव शरीर को जैसे ही गांव के लोगों और परिजनों ने देखा—रो-रोकर हर किसी का दिल पिघल गया। माहौल भावुक हो उठा, महिलाएं विलाप करने लगीं और परिवार के सदस्यों का दर्द संभाला नहीं जा रहा था। श्रद्धांजलि यात्रा के बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बोहानी ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी कर ली गई है।
गांव की गलियां तिरंगों से सजी हैं, और हर घर से एक ही आवाज उठ रही है—“आशीष शर्मा अमर रहें।” शहीद को उनके निवास पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद फूलों से सजे विशेष वाहन में उनका पार्थिव शरीर मुक्तिधाम पहुंचाया जाएगा। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। परिजनों को राष्ट्रीय ध्वज भी सौंपा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीजी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम ने बोर तालाब क्षेत्र में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी पर सर्च ऑपरेशन चलाया। अचानक नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस मुठभेड़ को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। गांव में मातम, लेकिन गर्व भी बोहानी गांव में मातम पसरा है, पर साथ ही बेटे की वीरगति पर गर्व भी है।
शहीद के सम्मान में सिवनी–नरसिंहपुर बॉर्डर पर श्रद्धांजलि सभा हुई, जहां कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने X पर श्रद्धांजलि संदेश लिखा— नक्सल उन्मूलन के अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय रहेगा। इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस के लिए दो बार वीरता पदक मिल चुका था। आज पूरा प्रदेश उन्हें अंतिम सलाम कर रहा है।