सागर- नशे में साले–बहनोई में कहासुनी, खुरई सिविल अस्पताल में हंगामा! सुरक्षा व्यवस्था फिर सवालों में
सागर जिले के खुरई सिविल अस्पताल खुरई में मंगलवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई जब भर्ती वार्ड में ही शराब के नशे में दो पक्ष आपस में भिड़ गए। मामला भाई–बहन के एक्सीडेंट से शुरू हुआ और अस्पताल के भीतर पहुंचकर साले–बहनोई और अन्य रिश्तेदारों के बीच जमकर विवाद में बदल गया। सुरक्षा गार्ड और पुलिस बल की अनुपस्थिति ने हालात और बिगाड़ दिए। मिली जानकारी के मुताबिक 26 वर्षीय बालकिशन अहिरवार अपनी 23 वर्षीय बहन गिरजा अहिरवार और उसकी बच्ची को बीना के रूपऊ गांव से बांदरी के बीजरी गांव लेकर जा रहा था। खुरई मिशन अस्पताल के पास बाइक डिवाइडर से टकरा गई, जिससे दोनों भाई-बहन गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि बालकिशन शराब के नशे में बाइक चला रहा था।
घटना की खबर मिलते ही महिला का पति और ससुराल पक्ष के लोग अस्पताल पहुंच गए। इसके बाद वार्ड में ही विवाद भड़क उठा। बताया गया कि पति ने अपनी पत्नी को रात में मायके जाने से मना किया था। इस बात को लेकर गुस्सा पहले से था, ऊपर से साले के नशे में होने ने आग में घी डालने का काम किया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच तेज-तर्रार बहसबाजी, गाली-गलौज, और मारपीट की नौबत तक आ गई। लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को किसी तरह शांत कराया। घायल महिला की सिर में गंभीर चोटें होने के कारण उसे तत्काल सागर रेफर किया गया।
बालकिशन को भी बेहतर इलाज के लिए सागर भेजा गया, जिससे हालात और बिगड़ने से बच गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिविल अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की है। न तो कोई स्थायी सुरक्षा गार्ड तैनात रहता है और न ही पुलिस का जवान। इसी कारण अक्सर मरीजों के परिजनों, डॉक्टरों और स्टाफ के बीच विवाद की घटनाएं सामने आती रहती हैं। रात का यह तांडव एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है कि क्या मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस व्यवस्था बनाई जाएगी? अस्पताल में हंगामा होने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था जस की तस… लोग पूछ रहे — जिम्मेदारी किसकी?