फिल्म गुस्ताख़ इश्क में छा गए सागर के मिजाज, परिवार के साथ प्रीमियर में मुंबई पहुंचे
सागर के मशहूर शायर अशोक मिज़ाज फ़िल्म गुस्ताख़ इश्क़ के प्रीमियर में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे, मुंबई के जियो वर्ल्ड प्लाजा में उनके परिवार के लोग भी साथ रहे, फिल्म के प्रीमयर के बाद बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने उनकी शायरी की सराहना की, इस फिल्म में विजय वर्मा और दंगल फेम फ़ातिमा सना शेख़ मुख्य भूमिका में हैं और रोहन वर्मा ,शारिब हाशमी आदि हैं।
फ़िल्म में नसीरुद्दीन साहब एक बहुत बड़े शायर अज़ीज़ बेग की भूमिका में हैं और फ़ातिमा सना शेख़ ,उनकी बेटी मन्नत बनी हैं। विजय वर्मा पप्पन बने है। जो मन्नत और अज़ीज़ दोनों को चाहने लगते हैं। वो अज़ीज़ बेग के शागिर्द बन जाते हैं। वो अपने उस्ताद को फिर एक शेर सुनाते हैं जो अशोक मिज़ाज द्वारा लिखित है, ये खून ये वफ़ा ये दुआ ख़ानदान की, कीमत बहुत बड़ी है पुराने मकान की। इस पर ख़ुश होकर उस्ताद अज़ीज़ बेग अपना क़लम उसे भेंट कर देते हैं,
इसके बाद अशोक मिज़ाज का एक शेर विजय वर्मा पप्पन उस्ताद अज़ीज़ बेग को सुनाते हैं , मेरा लहजा कैक्टस सा खुरदुरा, तेरी बातें रात रानी की तरह।इसके जवाब में नसीरुद्दीनशाह शेर सुनाते हैं -ग़म कोई देना है तो दे दे मुझे, दिल में रख लूंगा निशानी की तरह,ये भी अशोक मिज़ाज का है, इसके बाद मे मध्यान्तर में सभी पूछने लगे शायरी किसकी है तो विशाल भारद्वाज जी और विभु पूरी जी ये बताते बताते थक भी नहीं रहे थे कि ये हैं शायर अशोक मिज़ाज है इन्हीं की शायरी है