जब लोग अपनों शमसान में छोड़ जाते हैं तो मुस्लिम युवा करते हैं उनका अंतिम संस्कार

 

कोरोना जैसे आपदा में एमपी के बालाघाट से मानवता और भाईचारे की मिसाल सामने आई है जहां मुस्लिम युवक हिंदू शवों का पूरे रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कर रहे हैं। यहां सोहेल और उनकी टीम पिछले 1 साल से जब से कोरोना संक्रमण का दौर शुरू हुआ है तभी से हिंदू शवों का श्मशान घाट में ही रहकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियां भी बनती हैं जब परिवार के लोग शव को छोड़ कर चले जाते हैं उस सूरत में भी है हिंदू रीति-रिवाजों का ध्यान रखकर ये मुस्लिम युवा बखूबी मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते हैं। इस टीम में जहां मुस्लिम हैं तो करीब दो हिंदू युवक भी हैं। कहने को तो इन्हें इसके लिए नगर पालिका से मामूली पगार भी मिलती है लेकिन उससे कहीं ऊपर सेवा की भावना और मन में सांप्रदायिक सद्भाव इनके काम में झलकता है। सोहेल खान बताते हैं कि वो पिछले एक साल से इस काम मे लगे हैं।
शमसान पहुंचे मृतक के परिजन श्री जी तिवारी का कहना है ये युवा बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं।


By - SAGAR TV NEWS
30-Apr-2021

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