दमोह उपचुनाव में ड्यूटी करने वाले 28 शिक्षकों की गई जान अब नहीं मिल रही मदद STVN INDIA|SAGAR TV NEWS
प्रदेश भर में कोरोना का कहर रहा जो दमोह उपचुनाव में जानलेवा साबित हुआ। इस दौरान उपचुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए 28 शिक्षकों की मौत हो गई। यहां जिले के 800 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। इनमें से करीब 200 शिक्षक चुनावी प्रशिक्षण लेने और मतदान कराने में संक्रमित हुए थे। इनमें से 28 शिक्षक कोरोना से जंग हार गए। मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन के आरिफ अंजुम का दावा है कि कोरोना काल में दमोह में कोरोना से 58 शिक्षकों की मौत हुई है। इनमें से 28 शिक्षक उपचुुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे। इलाज के दौरान वे कोरोना से जंग हार गए। उनका कहना है की शिक्षक को कोरोना योद्धा का दर्जा नहीं है, इसलिए ध्यान नहीं दिया गया। प्रशासन ने भी परिवारों की मदद नहीं की। जान गंवाने वाले 28 शिक्षकों की लिस्ट प्रशासन को कुछ दिन पहले सौंपी लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके बाद शिक्षकों को न्याय दिलाने आगे आए अध्यापक संगठन ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा था। और मृत हुए शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति और शासन के द्वारा राशि देने की बात कही थी। लेकिन अभी तक सरकार ने कोई भी कदम नहीं उठाया। जिसके चलते हुए उनके परिवार को दर-दर भटकना पड़ रहा है। सुनिए मृतक शिक्षकों के परिजनों का लय कहना है।--------- वहीं जिला शिक्षा अधिकारी एच ए नेमा ने बताया कि शिक्षकों को रूटीन के दौरान जो सभी लाभ मिलना चाहिए वह शासन के द्वारा उन्हें प्रदान किए जा रहे हैं और और जिन शिक्षकों की मौत हुई है उनको राहत राशि भी सरकार के द्वारा दी जा रही है जिसका जल्द से जल्द उन तक पहुंच जाएगी। जिन शिक्षकों की जान गई है। उनकी जानकारियां वरिष्ठ अधिकारियों को देंगे जिसके बाद उनकी राहत राशि के अलावा अन्य व्यवस्थाओं की बात जल्द से जल्द पूरी हो पाएगी।