राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में वो रोचक दस बातें जो शायद कोई नहीं जानता
भारत को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता। गांधी जी से जुड़ी हुई दस रोचक बातें बताते हैं जो शायद कम ही लोग जानते होंगे।
पहली- महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। उनके माता पिता कट्टर हिंदू थे।
दूसरी- गांधी जी के पिता करमचंद गांधी, कबा गांधी के नाम से भी जाने जाते थे। वे पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य की एक छोटी रियासत की राजधानी पोरबंदर के दीवान थे। इसके बाद वो राजकोट और बांकानेर में भी दीवान रहे।
तीसरा- गांधी जी की माँ पुतलीबाई, उनके पिता करमचंद गांधी की चौथी पत्नी थीं। वो काफी धार्मिक महिला थीं और उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में ही बंटी हुई थी। गांधी जी उनकी आखिरी संतान थे।
चौथा- मोहनदास का लालन-पालन वैष्णव मत में रमे परिवार में हुआ, उन पर जैन धर्म का भी गहरा प्रभाव था जिसके सिद्धांतों, अहिंसा, शाकाहार, आत्मशुद्धि को उन्होंने अपने जीवन में भी उतारा था।
पांचवा गांधी जी पढ़ाई लिखाई में बहुत ज्यादा तेज नहीं थे बल्कि वे एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे। उन्होंने समय-समय पर पुरस्कार और छात्रवृतियां भी हासिल की थी।
छटवा- मोहनदास ने एक समय नास्तिकवाद, छोटी-मोटी चोरियां, धूम्रपान को भी अपनाया, लेकिन नादानी मानते हुए उन्होंने खुद इन गलतियों को कभी न दोहराने का प्रण भी लिया। और फिर सही रास्ते को कभी नही छोड़ा।
सातवा- गांधी जी की शादी महज 13 साल की उम्र में हुई थी। उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी उम्र में गांधी जी के समकक्ष ही थीं। दोनों ने करीब 62 साल की उम्र तक वैवाहिक जीवन बिताया।
आठवा- गांधी जी ने लंदन में पढ़ाई की और बैरिस्टर की डिग्री हासिल की थी। लेकिन बंबई उच्च न्यायालय में हुई पहली बहस में वे असफल रहे और यहां अल्पकालिक शिक्षक के पद के लिए भी उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद छोटे-मोटे कामों से अपनी रोजी रोटी चलाई।
नौंवा- उन्हें अपने जीवन में कई बार अनपेक्षित अपमान के दौर से भी गुजरना पड़ा। लेकिन इसे उन्होंने जीवन के महान रचनात्मक अनुभव माना।
दसवां- अर्नाल्ड टायनबीन गांधी जी के प्रभाव के बारे में लिखते हैं कि हमने जिस पीढ़ी में जन्म लिया है, वह न केवल पश्चिम में हिटलर और रूस में स्टालिन की पीढ़ी है, वरन वह भारत में गांधी जी की पीढ़ी भी है और यह भविष्यवाणी बड़े विश्वास के साथ की जा सकती है, कि मानव इतिहास पर गांधी जी का प्रभाव स्टालिन या हिटलर से कहीं ज्यादा और स्थायी होगा।