गरीबों को पक्की छत देने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए गए लेकिन कुछ पात्र लोग ऐसे हैं जिन्हें इसका लाभ ही नहीं मिला। मामला सागर जिले के शाहगढ़ थाना क्षेत्र से सामने आया है।जहां ग्राम पंचायत सासन जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। मदनतला गांव के आदिवासी आज भी जंगल पर आश्रित है जो लकड़ी बेचकर अपना भरण पोषण कर रहे है। सरकार की ज्यादातर योजनाओं की पात्रता रखने वाले मदनतला के आदिवासी जानकारी और भ्रष्ट सिस्टम की पूर्ति करने के अभाव में आज भी झोपड़ियों में अपने बच्चों सहित जीवन यापन करने को मजबूर है क्योंकि ग्राम पंचायत सासन द्वारा अभी तक इनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया ही नही गया। जिससे सात सौ आदिवासी झोपड़ियों में रहने को मजबूर है। इनमें कुछ आदिवासी परिवार ऐसे भी है जो बारिश के मौसम में बरसाती ओढ़कर दो वक्त की रोटी खाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इसको लेकर सचिव ने बताया कि 2011 के सर्वे के मुताबिके अभी तक ग्राम पंचायत में 70-75 प्रधानमंत्री आवास पात्रता के अनुसार स्वीकृत हुए है ग्राम पंचायत में 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जा रहा है। शासन के नुमाइंदे शासन की योजनाओं में अपात्र को पात्र तो कर सकते है। लेकिन घास फूस की झोपड़ी में रहने वाले को पात्रता नही दे सकते। वहीं
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी ने इसको लेकर जानकारी दी।
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