एक अंडा बेचने वाला शख्स बना अफसर लेकिन पीछे रहा एक बड़ा संघर्ष
शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक अंडा बेचने वाला एक दिन अफसर बन जायेगा। बात औरंगाबाद में रहने वाले वीरेंद्र की जो सड़क किनारे लोहे और लकड़ी से बनी छोटी सी गुमटी से सड़क किनारे अंडा बेचता था। जो बीपीएससी परीक्षा पास करके अफसर बन चुका है उसने वो कर दिखाया जो लोग कोचिंग करने के बाद भी रह जाते हैं वीरेंद्र औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड के छोटे से गांव हाथीखाप का रहने वाला है। उसके पिता भिखारी राम ने जूता सिलकर अपने तीन बच्चों की परवरिश की लेकिन साल 2012 में पिता की मौत के बाद तीन भाइयों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा अपनी मां के साथ सभी गांव से शहर आये,दलित बस्ती में किराए की दुकान लेकर काम शुरू किया,यहां वीरेंद्र दिन में अंडे बेचता रात में जी जान से पढ़ाई करता,वीरेंद्र ने बीपीएससी की परीक्षा में 201 वा स्थान हासिल किया,लोगों की जुबान पर बीरेंद्र के संघर्ष की कहानी है। की जुनून के आगे गरीबी आड़े नहीं आती।