बाघिन का पता लगाने में डेढ़ साल और 62 लाख रुपए खर्च हुए, लेकिन वो यहाँ छुपी थी || STVN INDIA ||
डेढ़ साल और करीब 62 लाख रुपए खर्च होने बाद आखिरकार लापता हुई बाघिन का पता चलने के बाद उसे शुक्रवार को पकड़ लिया गया। वो यूपी के बरेली में फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री में टैंक के अंदर घुसी हुई थी। बाहर निकलने की कोशिश में जोर-जोर से दहाड़ रही थी। रेस्क्यू टीम ने दरवाजे पर एक पिंजरा लगाया हुआ था। लेकिन इंतजार के बाद भी जब वह पिंजड़े में नहीं आई तो वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज करके बाहर निकाला गया। अब उसे यहां से दुधवा नेशनल पार्क भेजा जाएगा। बाघिन का नाम शर्मीली रखा गया है। शर्मिली को डेढ़ साल से ढूंढा जा रहा था, इसमें 62 लाख रुपए खर्च हो गए, हालांकि बाघिन को अभी पकड़ा नहीं जा सका था। बीते साल मार्च, 2020 से फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री में बाघिन ने अपना बसेरा बनाया हुआ था। इसने गांव के दो किसानों पर हमला करके उन्हें भी घायल कर दिया था, मगर वन विभाग यह पता नहीं कर सका कि आखिर बाघिन रबर फैक्ट्री में रहती कहां पर है। अब जब उसकी लोकेशन ट्रेस हुई तो पता चला कि बाघिन रबर फैक्ट्री के एक टैंक में रहती है