एमपी के छतरपुर में पुलिस आज भी अपराध में लिप्त युवकों को हथकड़ी डालकर उन्हें सड़कों पर पैदल घुमाती हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का साफ निर्देश है कि किसी भी व्यक्ति को हथकड़ी नहीं डाली जा सकती, लेकिन छतरपुर पुलिस ने इस बात का पालन नहीं किया और अपराधिक गतिविधि वाले युवकों के हाथों में हथकड़ी डालकर पैदल जुलूस निकालते हुए न्यायालय में पेश किया जाता है। इसकी ताजा तस्वीरें शहर के सिविल लाइन थाना पुलिस की शनिवार को सामने आई जहां पर एक युवक को पैदल मार्च कराते हुए हाथों में हथकड़ी डालकर न्यायालय ले जाया गया। तस्वीरें कैमरे में कैद हो गयी। जब इसको लेकर मीडिया ने सीएसपी लोकेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने अपनी सफाई में जवाब देते हुए कहा कि युवक भागने की कोशिश कर रहा था इसीलिए उसके हाथों में हथकड़ी डालनी पड़ी उसका किसी भी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला गया। बल्कि उसे गाड़ी में बिठाकर लाया जा रहा था।
खैर ये तस्वीरें रो झूठ बोलेंगी नहीं। जिसमें साफ तौर पर ऐसा देखा जा सकता है। की युवक प्रमोद को पैदल ले जाया जा रहा है।उसके हाथ मे हथकड़ी है और पुलिसकर्मी भी साथ में है। जानकारी के मुताबिक युवक प्रमोद बुनकर आर्म्स एक्ट का आरोपी है जिसे गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया गया।
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