वाशिंग पाउडर ने महिलाओं की जिंदगी में ला दिया उजाला महिलाओं की बदली तकदीर || SAGAR TV NEWS ||
एमपी की बैतूल की महिलाएं अब किसी की मोहताज नही रहेगी वे आत्मनिर्भर की दिशा में बढ़ रही है। महिलाओं के समूह ने वाशिंग पाउडर निर्माण की यूनिट शुरू की है। जिससे हर दिन एक टन वाशिंग पाउडर का निर्माण होगा और इसे बैतूल और इससे लगे जिलों में बेचा जाएगा। भैंसदेही तहसील के गांव चिचोलाढाना में वाशिंग पाउडर का निर्माण कर रही ये महिलाएं मजदूर नही बल्कि मालिक है। इनके वाशिंग पाउडर का नाम भी आजीविका वाशिंग पाउडर है। दरअसल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चला रहा है। इसके तहत स्व सहायता समूहों का गठन किया जाता है और समूह से जुड़ी महिलाओ को स्व रोजगार से जोड़ने के कई सारे काम कराए जा रहे है। इन्ही में से एक नया ये काम शुरू गया है। बताया जा रहा है कि इस इकाई में मच्छी, चिचोलढाना, खोदरी, महारपानी, बोरगांव, झल्लार, तामसार और सायगोहान से कुल 121 समूह सदस्य जुड़े हैं। इन 6 उत्पादक समूहों का गठन कर आजीविका वाशिंग पाउडर बनाने के लिए इकाई की स्थापना की है। इस इकाई द्वारा हर दिन 1 टन पाउडर निर्माण किया जाएगा। निर्मित वाशिंग पाउडर बैतूल जिले के अलावा हरदा और छिंदवाड़ा जिले के समूह सदस्यो में भी बेचा जाएगा। अभी इकाई के पास 15 टन का आर्डर अलग विकासखंड और सीहोर जिले से मिला है। इसकी स्थापना के लिए माँ पूर्णा आजीविका संकुल स्तरीय संगठन से वित्तीय सहायता ऋण के रूप में प्रदान की गई है। समूह प्रबंधक नवीन मालवी का कहना है कि इस समूह में करीब 121 महिलाओ का समूह है। जिसमें पूरे जिले में करीब 90 हजार सदस्य जुड़ चुके हैं।