सागर-पानी में तैरते हैं पत्थर, रामसेतु में हुआ था इस्तेमाल || SAGAR TV NEWS ||
Anchor-रामायण में राम सेतु बनाए जाने के दौरान राम का नाम लिखे पत्थर काे पानी में तैरते देखा गया था, इसे लोग प्रभु श्रीराम के नाम की महिमा और भगवान के चमत्कार से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि आमतौर पर सभी यह जानते हैं कि पत्थर पानी में डूब जाता है, लेकिन कुछ ऐसे पत्थर हकीकत में आज भी मौजूद हैं जो पानी में डूबते नहीं और बल्कि उसकी सतह पर तैरते रहते हैं, सागर टीव्ही न्यूज के संववददता अनुज गौतम की ये रिपोर्ट देखिए और जानिए कि सागर विश्वविद्यालय में मौजूद पत्थर कैसे और क्यों पानी में तैरते हैं
vo- पत्थर यूं तो हमें एक जैसे नजर आते हैं लेकिन इन पत्थरों की भी अपनी ही निराली दुनिया है, इन पत्थरों में भी कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो इनको नायाब और बेशकीमती बनाते हैं, ऐसे ही कुछ पत्थर हैं जो पत्थर होने के बावजूद पानी की सतह पर तैरते हैं और डूबते नहीं है. सागर यूनिवर्सिटी के व्यावहारिक विज्ञान विभाग के म्यूजियम में पानी में तैरने वाले पत्थर मौजूद है वैज्ञानिकों के मुताबिक अपनी अलग संरचना और गुणों के कारण इन पत्थरों में पानी में तैरने का गुण पाया जाता है, इन पत्थरों में प्यूमिक स्टोन और सेंड स्टोन का नाम शामिल है,
भूगर्भ शास्त्री प्रोफेसर आरके त्रिवेदी बताते हैं कि ज्वालामुखी का लावा जब धीरे-धीरे ठंडा होकर चट्टान में परिवर्तित होता है, तो लावा की ऊपरी सतह पर बुलबुले निकलते हैं, जब लावा ठंडा होने लगता है, तो इन बुलबुलों के कारण उनमें कैविटी बन जाती हैं, जिससे उसमें हवा भर जाती है, यही हवा उस पत्थर को इतना हल्का कर देती है कि वह पानी में तैरने लगता है,
रामसेतु में तैरने वाले पत्थरों के इस्तेमाल की संभावना कई बार सामने आ चुकी है, इस संबंध में प्रोफ़ेसर आरके त्रिवेदी कहते हैं रामसेतु का जो वर्णन हमें मिलता है, वो इन्ही पत्थरों के गुणों से मिलता जुलता है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि निश्चित तौर पर वहां इसी तरह के पत्थरों का चुनाव किया गया था जो पानी की सतह पर तैरते थे।