आगे मशाल और पीछे से चल माई,के जयघोषों के साथ निकली कांधे वाली काली
सागर में दुर्गा विसर्जन समारोह की धूम रही। शुक्रवार रात शहर की सबसे प्रसिद्ध पुरव्याऊ की कांधे वाली काली का चल समारोह निकला। पुरव्याऊ से माता को कंधों पर बैठाकर भक्त विसर्जन के लिए लेकर निकले। इसके बाद हर ओर चल माई-चल माई के जयघोष ही सुनाई दिए। लोगों ने पुष्पवर्षा कर जगह जगह मां का स्वागत किया।पुरव्याऊ वाली माँ दुर्गा के आगे मशाल चल रही थी। सैकड़ों की संख्या में युवा सड़क पर दौड़ लगा रहे थे। वहीं पीछे श्रद्धालुओं के कांधे पर सवार मां दुर्गा जी की प्रतिमा चल रही थी। इस दृश्य को निहारने के लिए चल समारोह मार्ग पर हजारों लोग पहुंचे। माता का दिव्य और अलौकिक दृश्य हर कोई अपने कैमरे में कैद करने में जुटा था। देर रात माता का विसर्जन चकराघाट पर किया गया।