पहले भीख मांगने के लिए फैलाने पड़ते थे हाथ,अब एक दिन में बना लेती हैं ढाई हजार दिये | SAGAR TV NEWS |
कभी भीख मांग कर गुजर-बसर करने वाले नट समुदाय के लोगों के जीवन में अब गोबर के दीए उजाला कर रहे हैं। ग्राम पंचायत की पहल पर दमोह जिले की तिदोनी गांव की महिलाओं को इको फ्रेंडली रोजगार दिया गया है, जिससे यहां की महिलाएं घर बैठे ही सम्मान के साथ पर्याप्त पैसा कमा रही हैं। एक साल पहले सरपंच द्वारा शुरू किए गए प्रयास को पंख लगते जा रहे हैं।बीते साल के बेहतर रिजल्ट के बाद इस बार फिर इन महिलाओं ने गोबर के दीये बनाए हैं। यहां काम कर रही महिलाओं ने बताया कि वह एक दिन में करीब ढाई हजार दीपक बना लेती हैं। एक दीपक की कीमत 2 रुपए है, जिससे उन्हें पर्याप्त मुनाफा हो रहा है। इस कारण उनका परिवार बेहतर ढंग से चल रहा है। दमोह के अलावा भी दूसरे जिलों से लोग उनके दीए खरीदने के लिए आते हैं।गोबर के दीयों को बनाने की प्रक्रिया काफी सहज है। महिलाएं गाय के गोबर के कंडे बनाती हैं। सूख जाने के बाद उन्हीं कंडों का चूरा बना लेती है। उसमें गम पाउडर मिलाकर उसे आटे की तरह तैयार कर लिया जाता है। फिर एक हाथ से चलने वाली मशीन में बने खांचों में गोबर की लोई रखकर उसे दबा दिया जाता है, जिससे दीए तैयार हो जाते हैं। इन्हें सुखाने के बाद रंग दिया जाता है। रंगाें के कारण यह सुंदर दिखने लगते हैं। गोबर के दीए बनाने वाली भगवती रजक ने बताया कि पहले से अब वह बेहतर जीवन जी रही हैं। उनके परिवार की जरूरत पूरी हो रही है। उन्हें पर्याप्त मुनाफा हो रहा है, जिससे वह काफी खुश हैं। सरपंच सोमेश गुप्ता ने बताया कि पहले यहां की ज्यादातर महिलाएं और बच्चे भीख मांगने के लिए शहर जाते थे। कुछ खेल तमाशा दिखाकर रोजी-रोटी कमा रहे थे। उन्हें लगा कि महिलाओं को रोजगार दिया जाए, ताकि ऐसे कामों से दूर हो सकें।