सागर/रहली सोयाबीन नहीं बल्कि मक्का की पैदावार के लिए भी जाना जाएगा बंपर आवक
सोयाबीन के उत्पादक के रूप में पहचाने जाने वाला सागर जिले का रहली क्षेत्र अब अपनी पहचान को बदलता नजर आ रहा है। सोयाबीन प्रधान मंडी अब मक्का प्रधान बन गई है। पीला सोना माने जाने वाले सोयाबीन की जगह अब पीली मक्का लेती नजर आ रही है। इस साल रहली क्षेत्र में मक्का की भरपूर पैदावार हुई है। बंपर आवक होने से कृषि उपज मंडी गुलजार है। बीते दिन रहली मंडी में मक्का की डेढ़ हजार किवंटल आवक हुई। मक्का के भाव मे भी तेजी रही। दरअसल बीते कई सालों से सोयाबीन की खेती किसानों को घाटे का सौदा साबित हो रही थी। इसी कारण किसानों को सोयाबीन से मोह भंग होता नजर आ रहा है। कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को फसल चक्र को अपने की सलाह कारगर हो रही है। जिस वजह से किसानों ने सोयाबीन की फसल को छोड़कर इस साल मक्का की फसल की जमकर बुवाई की जो सफल साबित हुई। इसको लेकर बताया गया की मक्का का न्यूनतम 1600 से लेकर अधिकतम 1650 प्रति किवंटल तक भाव रहा। ग्रामीण कृषि विस्तारक अधिकारी टी सी जैन ने बताया की 18 से 20 क्विंटल पर एकड़ उत्पादन हुआ है जिसका किसानों को अच्छा रेट भी मिल रहा है।