MP | मंत्री Gopal Bhargav ने Smart City Project को क्यों कठघरे में खड़ा किया ? || STVN INDIA ||

 

 

MP | मंत्री Gopal Bhargav ने Smart City Project को क्यों कठघरे में खड़ा किया ? || STVN INDIA ||

मध्यप्रदेश की राजनीति कुछ एक चुंनिदा नेता ऐसे है जिनकी बेबाकी का कायल उनका विरोधी भी अपने आप हो जाता है। इनकी राजनीति का अंदाज़ भी कुछ ऐसा है की उसे समझ पाना हर किसी के बस की बात नहीं। ऐसे ही एक नेता की आज हम बात करेंगे जो हमेशा ही अपने बयानों को लेकर चर्चो में बने रहते है। हाल ही में उनके बयान ने सुर्खी तब बटोरी जब उन्होंने खुले मंच से प्रधानमंत्री मोदी की महत्वकांशी योजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चल रहे कार्यो को कठघरे में खड़ा कर दिया। आइये बात करते है बुंदेलखंड के कद्द्वार नेता गोपाल भार्गव की।

गोपाल भार्गव :मध्यप्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री और बुन्देलखंड के कद्दावर नेता जो अपनी चर्चित कार्यशैली और बेबाक बयानों के लिए जाने जाते है, पक्ष में या विपक्ष में वो सिस्टम की पोल खोलने में पीछे नहीं रहते है। पिछले कुछ दिनों से खामोश चल रहे मंत्री गोपाल भार्गव जब मंच से बोले तो देश भर में सुर्खियों में आ गए। उन्होंने अपने ताजा बयान में मोदी सरकार द्वारा देश के 100 शहरो में स्मार्ट सिटी बनाई जा रही है और जिनमे बेतहासा पैसे खर्च किया जा रहा है इस पर सवालिया निशान लगा दिया। मंत्री गोपाल भार्गव ने एक दिन पहले ही शनिवार को अपनी विधानसभा रहली में एक कार्यक्रम में इन्हीं स्मार्ट सिटीयो की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर अपनी बेबाक अंदाज में कह दिया अगर वे मंत्री ना होते तो स्मार्ट सिटी के क्या हाल है बता देता लेकिन मंत्री पद पर हूँ।
मंत्री भार्गव के बयान के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कप मच गया अपनी की सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर इस तरह सवाल खड़ा कर आखिर उन्होंने किसे सन्देश देने की कोशिश की - इतना ही नहीं इसके पहले गढ़ाकोटा में एक दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे मंत्री गोपाल भार्गव ने एक भावनात्मक संबोधन दिया जिसमे उन्होंने कहा कि वे जियेंगे तो गढ़ाकोटा के लिए मरेंगे तो गढ़ाकोटा के लिए, इसके आगे उन्होंने यह तक कह दिया की कोई बता दे की कही बेईमानी से कमाई की है तो वे तत्काल ही संन्यास ले लेंगे।

मंत्री गोपाल भार्गव के इन दोनों बयानो के कई एक मायने है। एक तरफ बीजेपी में चल रही योजना के क्रियान्वन में चल रही कमियों के बहाने उन्होंने बता दिया की भले की सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं की गलत या गलती बर्दाश्त की जाएगी साथ ही ये भी जताने की कोशिश की कि आज वो जो भी है अपने क्षेत्र की जनता के कारण है।और उनका जीवन क्षेत्र की जनता के लिए ही है।

मंत्री गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश के उन नेताओ में है जो स्पष्ट और बेबाक शैली के लिए जाने जाते है। राजनीति के अजय यौद्धा मंत्री भार्गव विपक्ष में जब विधायक चुन कर आये तब कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों से या बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उमा भारती, बाबूलाल गौर या शिवराज सिंह चौहान सबके साथ एक अलग तालमेल से साथ काम करते नजर आये हाल ही जब कांग्रेस सत्ता में आई और कमलनाथ मुख्यमत्री बने तो गोपाल भार्गव को पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जिस पर वो बखूबी खरे उतरे और कमलनाथ सरकार को भी कई मुद्दों पर आड़े हाथ लिया । कुल मिला कर ये कहना गलत नहीं होगा मंत्री भार्गव अपनी राजनीति के खुद ही कृष्णा और खुद ही अर्जुन है।


By - SAGAR TV NEWS
05-Dec-2021

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