फिर लौटा बीना के सती स्तंभ का गौरव पर्यटक स्थल के रूप में होगा विकसित
वर्षों से उपेक्षित सती प्रथा के बारे में भारत में ज्ञात सबसे प्राचीनतम अभिलिखित सती स्तंभ का गौरव फिर लौट आया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जबलपुर मंडल ने शनिवार को इसे एरण क्षेत्र के पहलेजपुर गांव में मूल रूप में स्थापित करा दिया है। सागर जिले के बीना में स्थित पुरातात्विक महत्व के इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने पर भी जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों ने एरण क्षेत्र के अन्य पुरावशेषों को भी संरक्षित कर इसे विश्व धरोहर के रूप में स्थान दिलाने के संकेत दिए हैं। इसके लिए उच्च स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। सती स्तंभ को मूल स्वरूप में स्थापित कर आसपास के लोगों को इसका महत्व बताने के लिए पहलेजपुर गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें जबलपुर मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद शिवाकांत वाजपेयी ने बताया कि सती स्तंभ गुप्त वंश से पहले का है। इसके ऊपर शक शासकों का भी अभिलेख दर्ज है।अतिथि अमरकंटक विश्वविद्यालय के प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने कहा कि एरण पर उन्होंने शोध किया है। शोध के दौरान जमीन पर पड़े सती स्तंभ पर अंकित अभिलेख को न तो ठीक से पढ़ पाते थे और न उसकी छाप ले पाते थे। शिवाकांत वाजपेयी ने टीम के साथ मिलकर जो काम किया है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते।