शिक्षिका से जांच के नाम पर वसूल रहा था हर महीने पांच हजार, लोकायुक्त ने पकड़ा तो बहाए आंसू
देवास के एक सरकारी स्कूल के प्रधान अध्यापक को उसी स्कूल की शिक्षिका से रिश्वत मांगना महंगा पड़ गया है। प्रधान अध्यापक शिक्षिका को जांच के बाद नौकरी से निकालने का भय दिखाकर हर महीने वेतन में से पांच हजार रुपए वसूलता था। लोकायुक्त ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। पकड़े जाने पर वह खुद को निर्दोष बताकर रोने लगा। उसकी बेटी भी आकर पिता को माफ करने की मांग करती रही। यह पूरा मामला संजय नगर शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है। यहां के प्रधान अध्यापक तिलक राज सेन स्कूल में पदस्थ शिक्षिका पद्मा बाथम से 5000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए हैं।
दरअसल आवेदिका पदमा बाथम से प्राचार्य तिलक राज कई महीनों से पांच हजार रुपए वसूल रहा था। शिक्षिका को डराया जाता था कि उसे काम करना नहीं आता। ऐसे में जांच के बाद उसकी नौकरी चली जाएगी। उससे हर महीने 6 हजार रुपए मांगे गए थे लेकिन वह पांच हजार देेने राजी हो गई। परेशान शिक्षिका ने कॉल रिकार्डिंग कर इसकी शिकायत लोकायुक्त उज्जैन में की। इस पर डीएसपी सुनील तलन ने प्राचार्य को ट्रेप करने का जाल फैलाया। सोमवार को शिक्षिका बाथम से जैसे ही प्राचार्य तिलक राज ने 5000 रुपए रिश्वत ली तो टीम ने स्कूल में ही धर दबोचा।
जैसे ही रिश्वत लेते पकड़ा गया तो आंसू बहाकर खुद को निर्दोष बताने लगा। आरोपी प्राचार्य की बेटी भी मौके पर पहुंच गई। वह भी पिता को झूठा फंसाने की बात कहने लगी। लोकायुक्त ने उसे कॉल रिकॉर्डिंग सुनाई तो वह माफ करने की बात कहने लगी। लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने बताया कि शिक्षिका काम करने में थोड़ी कमजोर है। इसका फायदा उठाकर प्राचार्य हर महीने पांच हजार रिश्वत में ले लेता था। शिकायत पर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।