सागर-शिक्षक पिता की आखरी ख्वाहिश को बेटे ने ऐसे किया पूरा,दो लोगों को मिला नया जीवनदान sagar tv news
एक शिक्षक ही देश के अच्छे भविष्य की नीव रखता है शिक्षक की वजह से ही समाज को अच्छे कलेक्टर, एसपी, प्रोफेसर,अधिकारी ,समाजसेवी मिलते हैं और वह लोगों का भला करते हैं, और जब यही शिक्षक समाज सेवी भी हो तो उसकी बात ही अलग हो जाती हैं, सागर के देवरी से भी जन सेवा की ऐसी ही मिसाल देखने को मिली, जहां एक शिक्षक ने जीते जी नवनिर्माण, बेहतर भविष्य के लिय जीवन भर बच्चों को शिक्षित किया तो वही इस दुनिया से जाने के बाद भी वह दो लोगों को जीवन दान दे कर समाज सेवा की अनूठी मिसाल पेश कर गए,
यह कहानी है शिक्षक हरिशंकर की ढिमोले की, हरिशंकर ढिमोले 5 साल से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इसी दौरान शुक्रवार रात सहजपुर तिराहे पर उन्हें अचानक ब्रेन हेमरेज हो जाने के कारण भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड होने की जानकारी दी। इसके बाद परिजन ने उनके अंगदान करने का निर्णय लिया। ढिमोले की दोनों किडनी दान कर दी।
जिससे दो लोगों को जीवन दान मिल गया। इस तरह हरिशंकर ढिमोले जाते-जाते दो लोगों को जीवन-दान दे गए। किरण फाउंडेशन के माध्यम से भोपाल से इंदौर के लिए ग्रीन कॉरिडोर बना कर शिक्षक के अंगों को इंदौर भेजा। श्री ढिमोले निधन के बाद परिजनों ने अंगदान करने की इच्छा जताई और किरण फाउंडेशन से संपर्क किया।
फाउंडेशन सचिव डॉ. राकेश भार्गव ने अंगदान करने की पूरी जानकारी परिजन को दी और परिजन ने अंगदान करने का निर्णय लिया, हरिशंकर के बेटे विनीत और भाई अनिल ढिमोले ने बताया कि वे शिक्षक होने के साथ-साथ समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य भी करते थे। पिताजी शिक्षा को बहुत महत्व देते थे। उन्होंने अंगदान करने की इच्छा जताई थी,